हिसार : नील गाय को मारने की अनुमति देने के फैसले पर बिश्नोई समाज ने जताया रोष

ज्ञापन सौंपते हुए बिश्नोई समाज के लोग।

जोरदार प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन, आंदोलन की चेतावनी

अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के बैनर तले एकत्रित हुए समाज के नागरिक

हिसार, 10 फरवरी (हि.स.)। हरियाणा सरकार द्वारा वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम

में संशोधन करके नर नील गाय को मारने की अनुमति देने का फैसला किए जाने के विरोध में

अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा ने जोरदार प्रदर्शन किया। बिश्नोई मंदिर से प्रदर्शन

करते हुए समाज के गणमान्य नागरिक लघु सचिवालय पहुंचे और वहां नायब तहसीलदार को मुख्यमंत्री

नायब सिंह सैनी के नाम ज्ञापन सौंपा। इससे पहले जिले के विभिन्न गांवों से आए बिश्नोई समाज के गणमान्य व्यक्ति सोमवार

को बिश्नोई मंदिर में एकत्रित हुए और सरकार के फैसले पर विरोध जताया। यहां पर बातचीत

करते हुए अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के प्रधान एडवोकेट चन्द्र सिंह सहारण ने

कहा कि सरकार को नील गाय मारने की अनुमति देने वाले फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए।

यहां आए हुए सभी गणमान्य व्यक्ति किसानी से संबंध रखते हैं और किसी भी ये मांग नहीं

है कि नील गाय या अन्य वन्य प्राणियों को मारा जाए। उन्होंने कहा कि बिश्नोई समाज ने

सदैव जीवों व पेड़ों की रक्षा के लिए संघर्ष किया और बलिदान तक देनेे से परहेज नहीं

किया। ऐसे में हमारी सरकार से मांग है कि इस फैसले पर पुनर्विचार करें और बिश्नोई समाज

व अन्य वन्य जीव प्रेमियों की भावनाओं का सम्मान करें।

सभा के पूर्व प्रधान कामरेड बनवारी लाल बिश्नोई ने कहा कि सरकार का यह फैसला

पूरी तरह से वन्य प्राणियों व जीव रक्षा प्रेमियों की भावनाओं के खिलाफ है। सरकार को

यह फैसला तुरंत वापिस लेना चाहिए क्योंकि नील गाय की मारने की अनुमति की आड़ में शिकारी

लोग दूसरे वन्य प्राणियों की भी हत्या करने से गुरेज नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि

यदि सरकार ने यह फैसला नहीं बदला तो बिश्नोई समाज व सर्व समाज के जीव प्रेमी आंदोलन

सेे गुरेज नहीं करेंगे।

सभा के आदमपुर प्रधान कृष्ण राहड़ ने कहा कि वन्य प्राणी प्रकृति की शान है।

इनको मारकर फसलों व प्रकृति की रक्षा की कल्पना भी नहीं की जा सकती। यदि सरकार समझती

है कि येे फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं और इनके संरक्षण का कोई और उपाय खोजें। किसी

जीव को मारना हमें तो क्या, किसी को भी अधिकार नहीं है।

तत्पश्चात बिश्नोई समाज के सैंकड़ों व्यक्ति प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए

बिश्नोई मंदिर से लघु सचिवालय पहुंचे। यहां पर नारेबाजी के बाद उन्होंने नायब तहसीलदार

को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि कोई भी समाज ऐसे कृत्य को स्वीकार नहीं करता

लेकिन दुर्भाग्य है कि सरकार ने बिना सोचे समझे नील गायों को मारने का परमिट देने की

अनुमति दे दी। यह भाजपा सरकार की छवि के भी विपरीत है।

इस अवसर पर मुख्य रूप से उपरोक्त के अलावा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट

विनय बिश्नोई, बिश्नोई सभा हिसार के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बेनीवाल, जिला बार एसोसिएशन

के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट मनदीप बिश्नोई, बिश्नोई सभा के पूर्व कोषाध्यक्ष अनिल पूनिया,

श्री गुरु जम्भेश्वर कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष निहाल सिंह गोदारा, एडवोकेट

सुशील ज्याणी, एडवोकेट अशोक बिश्नोई, एडवोकेट दलबीर बिश्नोई, भाजपा नेता कृष्ण बिश्नोई,

दाताराम बिश्नोई, पूर्व सरपंच संजय लाम्बा, सरपंच श्रीराम, एडवोकेट राय साहब डेलू,

राकेश कालीराणा, सरपंच बलराज धायल, जीव रक्षा समिति के उपाध्यक्ष विनोद खिलेरी, कृष्ण

देव पंवार केडी, अशोक पंवार ठसका, डॉ. राधेश्याम, सीताराम सहारण काजलां, अंतर सिंह

ज्याणी पूर्व सरपंच, विजय सिंह पूनिया, कृष्ण कुमार बागड़िया, सुरजीत सहारण, रमेश गोदारा,

रविन्द्र खदाव, नरसिंह बैनीवाल, ईश्वर सहारण सहित समाज के सैंकड़ों गणमान्य व्यक्ति

मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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