पैरावर्कर्स ने उठाई वेतन वृद्धि और स्थाई पॉलिसी की मांग, बजट सत्र में प्रदर्शन की चेतावनी
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- Jan 11, 2025
शिमला, 11 जनवरी (हि.स.)। जल शक्ति विभाग में तैनात पैरावर्कर्स ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए बजट सत्र के दौरान विधानसभा घेराव की चेतावनी दी है। पैरावर्कर्स का कहना है कि वे वेतन वृद्धि और स्थाई पॉलिसी की मांग को लेकर कई बार सरकार से बातचीत कर चुके हैं। लेकिन सरकार ने उनकी समस्याओं को अनदेखा कर दिया है।
यह बात शिमला पारा वर्कर्स यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष महेश शर्मा ने शनिवार को पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो बजट सत्र के दौरान जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा।
महंगाई में पांच हजार की सैलरी से मुश्किल भरा जीवन
महेश शर्मा ने बताया कि जल शक्ति विभाग में तैनात पैरावर्कर्स को बेहद कम वेतन दिया जा रहा है। पांच हजार रुपये की मामूली सैलरी में मौजूदा महंगाई के दौर में परिवार का गुजारा करना असंभव हो गया है। उन्होंने कहा कि पैरावर्कर्स को किसी भी प्रकार की छुट्टी का लाभ नहीं दिया जाता। छुट्टियों का प्रावधान न होने के कारण पैरावर्कर्स लगातार काम करने को मजबूर हैं।
उन्होंने आगे बताया कि विभाग द्वारा पैरावर्कर्स को केवल छह घंटे के काम के लिए नियुक्त किया गया था, लेकिन उनसे आठ से 10 घंटे तक काम लिया जा रहा है। यह उनकी स्थिति को और कठिन बना रहा है।
पैरावर्कर्स को अक्सर दूरदराज क्षेत्रों में ड्यूटी पर भेजा जाता है, जहां इतनी कम सैलरी में गुजारा करना बेहद मुश्किल है। उन्होंने कहा कि सोलन, सिरमौर और अन्य जिलों में कई पैरावर्कर्स को पिछले तीन से चार महीनों से वेतन नहीं मिला है। इससे उनके परिवारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
2017 में शुरू हुई थी नियुक्तियां
महेश शर्मा ने बताया कि पैरावर्कर्स की नियुक्तियां 2017 में शुरू की गई थीं। वर्तमान में तीन श्रेणियों में 7 से 8 हजार पैरावर्कर्स जल शक्ति विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि सरकार ने अब तक उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कोई स्थाई नीति नहीं बनाई है। पैरावर्कर्स ने मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द एक स्थाई नीति लागू करे, ताकि वेतन बढ़ाने के साथ-साथ उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि पैरावर्कर्स की प्रमुख मांगों में वेतन वृद्धि, स्थाई नीति, छुट्टियों का प्रावधान और निर्धारित 6 घंटे की ड्यूटी का पालन इत्यादि शामिल हैं।
बजट सत्र में प्रदर्शन की चेतावनी
महेश शर्मा ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो पैरावर्कर्स आगामी बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
महेश शर्मा ने कहा कि पैरावर्कर्स ने अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर कई बार सरकार से बातचीत की है। बावजूद इसके, सरकार उनकी मांगों को लगातार अनसुना कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस अनदेखी ने पैरावर्कर्स को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा