74 वर्षीय वकील रवींद्र घोष अस्पताल में भर्ती, शिष्य करेंगे बांग्लादेशी संत चिन्मय दास का प्रतिनिधित्व
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- Jan 01, 2025
कोलकाता, 01 जनवरी (हि. स.)। बांग्लादेश के हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास के वकील रवींद्र घोष कोलकाता के अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी अनुपस्थिति में उनके दो जूनियर वकील और 18 अन्य कानूनी प्रतिनिधि गुरुवार को बांग्लादेशी अदालत में दास का प्रतिनिधित्व करेंगे।
74 वर्षीय घोष को मंगलवार रात अचानक सीने में दर्द की शिकायत के बाद कोलकाता के सरकारी सेट सुखलाल कर्णानी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वे इन दिनों बेटे राहुल के बैरकपुर स्थित घर पर थे, जहां वे पत्नी के साथ पिछले महीने से इलाज के लिए रुके हुए थे।
घोष के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद घोष अपने जूनियर वकीलों के साथ निरंतर संपर्क में हैं और मामले को मजबूती से लड़ने की प्रतिबद्धता जताई है।
घोष ने कहा कि मेरे जूनियर वकील और अन्य 18 कानूनी प्रतिनिधि कल अदालत में चिन्मय दास का प्रतिनिधित्व करेंगे। वे उनके संपर्क में हैं और मामले को अंत तक लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका कहना है कि जैसे ही स्वस्थ होंगे, वे बांग्लादेश लौट जाएंगे।
संत चिन्मय दास का मामलाबांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोट के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को पिछले साल नवंबर में ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। वे चटगांव में एक रैली में भाग लेने जा रहे थे।
उनपर झूठे आरोपों के तहत मुकदमा चलाने का दावा किया जा रहा है। अदालत ने दास को जमानत देने से इनकार कर दिया और 2 जनवरी तक जेल भेज दिया। घोष का कहना है कि दास को हिंदू समुदाय को संगठित करने के प्रयासों के कारण निशाना बनाया गया है।
गुरुवार को चिटगांव उच्च न्यायालय में एक अहम सुनवाई होनी है, जहां दास की रिमांड अवधि समाप्त हो रही है। घोष ने कहा कि वे मामले की गंभीरता को समझते हैं और संत के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
घोष ने खुलासा किया कि इस मामले को संभालने के बाद से वे लगातार दबाव में हैं। बावजूद इसके, उन्होंने पिछले हफ्ते कहा था कि वे हर परिस्थिति में संत के लिए न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर