उत्तराखंड की जीएसडीपी में 20 माह में हुई 1.3 गुना वृद्धि
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- Oct 02, 2024
-दो साल में राज्य की प्रति व्यक्ति आय में हुई 26 प्रतिशत की वृद्धि
देहरादून, 02 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तराखंड के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 20 माह में 1.3 गुना और दो सालों में राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही राज्य में लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट, वर्क पॉपुलेशन रेशियो में वृद्धि के साथ ही उत्तराखंड में एक साल में बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत कम हुई है।
सचिव डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को मीडिया सेंटर सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से 2022 में आगामी 05 वर्षों में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया। राज्य की जीएसडीपी में पिछले 20 माह में 1.3 गुना वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2021-22 में 02 लाख 05 हजार रुपये थी। 2023-24 में यह बढ़कर 02 लाख 60 हजार रुपये हो गई है। पिछले दो साल में राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 26 प्रतिशत वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर दो साल में प्रतिव्यक्ति आय 01 लाख 50 हजार 906 से बढ़कर 01 लाख 84 हजार हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रति व्यक्ति आय में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
सचिव ने बताया कि भारत सरकार के पी.एल.एफ. सर्वेक्षण के अनुसार राज्य का 2022-23 में लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट 15 से 29 आयु वर्ग में 43.7 प्रतिशत था जो 2023-24 में बढ़कर 49 प्रतिशत हो गया है। इसी प्रकार राज्य का वर्क पॉपुलेशन रेशियो 37.5 प्रतिशत से बढ़कर 44.2 प्रतिशत हो गया है। 15 से 59 आयु वर्ग में लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट 60.1 से बढ़कर 64.4 प्रतिशत और वर्क पॉपुलेशन रेशियो 57.2 से बढ़कर 61.2 प्रतिशत हो गया है। राज्य में 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों का लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट 56 से बढ़कर 60.7 प्रतिशत और वर्क पॉपुलेशन रेशियो 53.5 से बढ़कर 58.1 हो गया है।
राज्य में वर्क पॉपुलेशन रेशियो में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। 15 से 29 आयु वर्ग में यह 26.1 प्रतिशत से बढ़कर 32.4 प्रतिशत और 15 से अधिक आयु वर्ग में 37 प्रतिशत से बढ़कर 43.7 प्रतिशत हुई है। राज्य में लखपति दीदी योजना और महिला स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने की वजह से भी महिलाओं के वर्क पॉपुलेशन रेशियो में वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि 2022-23 में राज्य का बेरोजगारी दर 14.2 प्रतिशत थी जो 2023-24 में घटकर 9.8 प्रतिशत रह गई है। उत्तराखण्ड में एक साल में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी आई है। राज्य सरकार की नई नीतियों और पुरानी नीतियों में संशोधन व रोजगार और स्वरोजगार के लिए चलाये गये कार्यक्रमों से भी जीएसडीपी में वृद्धि हुई है। राज्य में पर्यटन, विनिर्माण क्षेत्र और सरकारी नौकरियों में लोगों को अधिक रोजगार मिला है।
इस अवसर पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, सी.पी.जी.जी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मनोज पंत उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार