सतीश शर्मा ने केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल से मुलाकात की


अंतर्देशीय जलमार्गों, शहरी जल परिवहन से संबंधित विभिन्न विकास परियोजनाओं पर चर्चा की
जम्मू। स्टेट समाचार
एफसीएस एवं सीए, परिवहन, युवा सेवाएं एवं खेल, सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, एआरआई एवं प्रशिक्षण मंत्री सतीश शर्मा ने केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल से मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर में अंतर्देशीय जलमार्गों एवं शहरी जल परिवहन के विकास के संबंध में विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। शुरू में, मंत्री ने झेलम नदी में नदी समुद्र-विहार पर्यटन के लिए जेटी, चेनाब, झेलम एवं रावी नदी के उचित नौवहन एवं संचालन के लिए छत्तबल वीयर की मरम्मत सहित जल परिवहन अवसंरचना एवं अंतर्देशीय जलमार्गों से संबंधित विशेष परियोजनाओं की घोषणा के लिए आभार व्यक्त किया। बातचीत के दौरान, मंत्री ने बंदरगाह मंत्रालय के भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के तहत जम्मू एवं कश्मीर में जलमार्गों/जल निकायों के विकास की अपार संभावनाओं पर जोर दिया। शिपिंग और जलमार्ग के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री का ध्यान विश्व प्रसिद्ध झीलों जैसे डल, निगीन, मानसबल, अंचर, मानसर, सुरिनसर, रंजीत सागर और सिंध, झेलम, चिनाब, रावी, मुनव्वर तवी जैसी प्रमुख जल निकायों की ओर आकर्षित किया, जो टिकाऊ परिवहन और पर्यटन दोनों के लिए बहुत बड़ी संभावनाएँ रखते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने और अखनूर, राजौरी, पुंछ, रियासी, कठुआ चिनाब घाटी, गुरेज, गांदरबल, कुपवाड़ा सहित ग्रामीण/सीमावर्ती क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण झीलों जैसे डल, वुलर, निगीन, सुरिनसर, मानसर और झेलम, चिनाब और रावी नदियों के लिए जहाजों की व्यवस्था करने के अलावा झीलों पर जेटी/व्यू प्वाइंट का निर्माण, झेलम, सिंध, चिनाब, रावी, मुनव्वर तवी आदि महत्वपूर्ण नदियों में यात्री परिवहन मनोरंजक गतिविधियों की स्थापना के लिए बुनियादी ढांचे की व्यवस्था करने का आग्रह किया।
सतीश शर्मा ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुछ क्षेत्रों में जलमार्ग परिवहन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास, अनुसंधान, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के लिए जम्मू-कश्मीर में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना, जम्मू-कश्मीर में आईडब्ल्यूएआई के क्षेत्रीय/उप-कार्यालय की स्थापना, जम्मू-कश्मीर में अन्य नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित करने का भी अनुरोध किया। विस्तृत चर्चा के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने मंत्रालय की ओर से पूर्ण सहयोग का आष्वासन दिया और कहा कि निकट भविष्य में और भी कई परियोजनाएं आने वाली हैं, जो जम्मू-कश्मीर में अंतर्देशीय जल परिवहन बुनियादी ढांचे का विकास और संवर्धन करेंगी।

   

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