
सोनीपत, 4 अप्रैल (हि.स.)। हरियाणा सरकार द्वारा प्रस्तुत बीज हरियाणा संशोधन विधेयक
2025 को लेकर प्रदेश में विरोध तेज हो गया है। इस विधेयक के खिलाफ बीज उत्पादकों ने
सोनीपत जिले में बीज की सप्लाई बंद कर दी है, जिससे लगभग 400 बीज लाइसेंसधारी दुकानदार
और किसान प्रभावित हो रहे हैं।
सरकार ने नकली और मिलावटी बीज की बिक्री रोकने के लिए विधेयक
में संशोधन किया है, जिसमें बीज की गुणवत्ता खराब मिलने पर उत्पादक और विक्रेता दोनों
पर कार्रवाई का प्रावधान है। नए कानून के तहत दोषी पाए जाने पर तीन महीने से 3 साल तक
की जेल और 50 हजार से 5 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है।इस संशोधन के विरोध
में बीज विक्रेताओं ने भी मोर्चा खोल दिया है।
सोनीपत में सप्लाई बंद होने के बाद
6 अप्रैल को कुरुक्षेत्र में प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें संभावित रूप से
अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जा सकती है। विक्रेता पहले ही इस विधेयक के खिलाफ
कई बैठकें कर चुके हैं। फिलहाल किसान गेहूं की कटाई में लगे हैं, लेकिन जल्द ही ज्वार,
मक्का और धान के बीज की मांग बढ़ेगी। यदि बीज सप्लाई फिर से शुरू नहीं हुई, तो 2 लाख
हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई प्रभावित हो सकती है। बीज विक्रेताओं
का कहना है कि वे सीलबंद पैकेट ही बेचते हैं, और गुणवत्ता के लिए उन्हें दोषी ठहराना
अनुचित है। उन्होंने सरकार से विधेयक वापस लेने और समाधान निकालने की अपील की है, ताकि
किसानों और व्यापारियों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना