जम्मू-कश्मीर के छोटे शहरों में ठोस अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्रों को मंजूरी दी गई -सरकार

जम्मू, 6 मार्च (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर सरकार ने गुरुवार को कहा कि क्षेत्र के छोटे और मध्यम शहरों में नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए 78 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्रों और सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधाओं के साथ-साथ खाद गड्ढों को मंजूरी दी गई है।

जम्मू में 6.16 लाख मीट्रिक टन विरासत अपशिष्ट के जैव-उपचार के लिए काम दिया गया है और श्रीनगर में 11.00 लाख मीट्रिक टन विरासत अपशिष्ट के जैव-उपचार के लिए एक निविदा जारी की गई है।

विधानसभा में कांग्रेस सदस्य गुलाम अहमद मीर के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए स्वास्थ्य मंत्री सकीना इटू ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के छोटे और मध्यम शहरों में नगरपालिका ठोस अपशिष्ट का वैज्ञानिक प्रसंस्करण किया गया है।

78 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्रों (डब्ल्यूएमसी) सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधाओं (एमआरएफ) और खाद गड्ढों की स्थापना को मंजूरी दी गई है। प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने कहा कि 52 स्थानों पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है जिनमें से 33 अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र और एमआरएफ के साथ-साथ 30 खाद गड्ढे पूरे हो चुके हैं। मंत्री ने कहा कि डब्ल्यूएमसी और एमआरएफ के 19 और स्थलों तथा 22 खाद गड्ढों पर काम प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि भगवती नगर, कठुआ, सांबा, उधमपुर, त्राल, बिजबेहरा, पहलगाम, अनंतनाग और तंगमार्ग जैसे डंप स्थलों पर विरासती कचरे का जैविक उपचार पूरा हो चुका है, जिसमें 3.88 लाख मीट्रिक टन विरासती कचरे का जैविक उपचार किया गया है। उन्होंने कहा कि जम्मू नगर निगम द्वारा कोट भलवाल में 6.16 लाख मीट्रिक टन विरासती कचरे के जैविक उपचार के लिए काम दिया गया है और सात शहरी स्थानीय निकायों के लिए 1.20 लाख मीट्रिक टन का काम दिया गया है। इसके अलावा श्रीनगर के अचन में 11.00 लाख मीट्रिक टन विरासत कचरे के जैव-उपचार के लिए एक निविदा जारी की गई है। मंत्री ने कहा कि जम्मू में 65 उपचार संयंत्रों के निर्माण के लिए काम दिया गया है और श्रीनगर में 125 उपचार संयंत्रों के निर्माण के लिए एक निविदा जारी की गई है। उन्होंने कहा कि जेएमसी द्वारा 450 टन प्रति दिन (टीपीडी) के लिए एक संपीड़ित बायो-गैस संयंत्र और 350 टीपीडी के लिए एक और मई 2025 तक पूरा हो जाएगा। मंत्री ने कहा कि 375 एस्पिरेशनल टॉयलेट सीटों का निर्माण शुरू किया गया है और ऐसे शौचालयों के निर्माण के लिए एक निविदा जारी की गई है। उन्होंने कहा कि 2.4 लाख घरों और 80,000 वाणिज्यिक इकाइयों के लिए 700 टीपीडी प्री-प्रोसेसिंग यूनिट 150 केएलडी ट्रीटमेंट प्लांट, 300 टीपीडी ब्रिक्वेटिंग प्लांट और आरएफआईडी टैगिंग सिस्टम की स्थापना के लिए 67.24 करोड़ रुपये की राशि की कार्य योजना तैयार की गई है। मंत्री ने आगे कहा कि डूरू-वेरीनाग की नगरपालिका समिति के लिए चार टीपीडी के तीन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों को मंजूरी दी गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता

   

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