एम्स में  सृजनम बायोमेडिकल कचरा निस्तारण  रिग हुआ लॉन्च 

नई दिल्ली, 10 फ़रवरी (हि.स.)। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोमवार को एम्स नई दिल्ली में क्रांतिकारी बायोमेडिकल अपशिष्ट रूपांतरण रिग सृजनम लॉन्च किया

। यह रिग बायोमेडिकल कचरे के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

सृजनम सीएसआईआर-एनआईआईएसटी, तिरुवनंतपुरम द्वारा विकसित एक अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली है, जो भस्मीकरण सहित जैव चिकित्सा अपशिष्ट निपटान के लिए मौजूदा प्रौद्योगिकियों के लिए एक लागत प्रभावी, हरित विकल्प प्रदान करती है।

स्वचालित प्रणाली से लैस महंगे और ऊर्जा-गहन भस्मक के उपयोग के बिना, रक्त, मूत्र और थूक जैसे सभी खतरनाक बायोमेडिकल कचरे के साथ-साथ प्रयोगशाला डिस्पोजेबल को विच्छेदित और निष्क्रिय कर देती है, जिससे कचरे का निपटान आसान और किफायती हो जाता है।

सृजनम की अनूठी विशेषताओं में से एक दुर्गंधयुक्त जहरीले कचरे को एक सुखद सुगंध प्रदान करने की क्षमता है, जिससे इसकी हैंडलिंग और निपटान सुरक्षित और अधिक प्रबंधनीय हो जाता है।

400 किलोग्राम प्रतिदिन क्षमता वाली अपशिष्ट प्रणाली से प्रारंभिक चरण में वर्तमान में प्रतिदिन 10 किलोग्राम तक सड़ने योग्य मेडिकल कचरे को समायोजित किया जा रहा है।

इस मौके पर

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान में नवाचार की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सृजनम एक कम लागत वाले समाधान है और देश भर के स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा अपनाया जा सकता है। यह बायोमेडिकल डब्ल्यू के लिए एक बहुत ही सुरक्षित, कुशल समाधान की क्षमता प्रदान करता है।

सीएसआईआर-एनआईआईएसटी के निदेशक डॉ. सी. आनंदरामकृष्णन ने कहा कि इसलिए यह बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक बहुत ही सुरक्षित, कुशल समाधान की क्षमता प्रदान करता है। सुरक्षित और कुशल प्रबंधन स्वास्थ्य कर्मियों के लिए जोखिम और संक्रामक रोगों के फैलने की संभावना को कम करता है।

एम्स के निदेशक डॉ. (प्रो.) एम. श्रीनिवास ने कहा कि यह बायोमेडिकल अपशिष्ट निपटान की समस्या के समाधान में वैज्ञानिक सहयोगात्मक शक्ति के बारे में बहुत कुछ बताता है। यह उन चीजों को अपनाने में एम्स की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है, जो स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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