क्षेत्रीय अध्ययन विभाग ने अखनूर हेरिटेज संग्रहालय में एक शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया

जम्मू 27 जनवरी (हि.स.)। जम्मू विश्वविद्यालय के सामरिक और क्षेत्रीय अध्ययन विभाग ने अखनूर हेरिटेज संग्रहालय में एक शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया। इस भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को क्षेत्र के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास की समझ को गहरा करना था। साथ ही भारतीय सेना द्वारा विशेष हथियार प्रदर्शन के माध्यम से भारत की रक्षा क्षमताओं के बारे में जानने का एक अनूठा अवसर प्रदान करना था।

कार्यक्रम की शुरुआत अखनूर हेरिटेज संग्रहालय के निर्देशित भ्रमण से हुई जो क्षेत्र के गौरवशाली अतीत को संरक्षित करने वाला स्थल है जिसमें सप्तसिंधु सभ्यता सहित विभिन्न युगों की कलाकृतियाँ, पांडुलिपियाँ, मूर्तियाँ और अवशेष प्रदर्शित किए गए हैं। छात्रों को जम्मू के इतिहास के संदर्भ में अखनूर के महत्व से परिचित कराया गया जिसमें चेनाब नदी के तट पर इसकी रणनीतिक स्थिति और इसका पुरातात्विक महत्व है। संग्रहालय के क्यूरेटर ने क्षेत्र की प्राचीन विरासत के बारे में गहन जानकारी दी। छात्रों को भारतीय सेना द्वारा आयोजित एक हथियार प्रदर्शन देखने का भी सौभाग्य मिला। प्रदर्शन में देश की सीमाओं की सुरक्षा में इस्तेमाल किए जाने वाले आधुनिक हथियारों और उपकरणों की एक श्रृंखला प्रदर्शित की गई। सेना के जवानों ने हथियारों की क्षमताओं और परिचालन महत्व के बारे में विस्तृत व्याख्या की जिससे छात्रों को भारत के सशस्त्र बलों के अनुशासन, रणनीति और समर्पण की एक झलक मिली।

जेयू के सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मोहम्मद मोनिर आलम ने कहा इस यात्रा ने इतिहास और आधुनिक रक्षा रणनीतियों का एक आदर्श मिश्रण पेश किया जिससे छात्रों को अतीत को वर्तमान से जोड़ने में मदद मिली। सामरिक अध्ययन के विद्वानों के लिए इस क्षेत्र की विरासत और हमारे सशस्त्र बलों की परिचालन क्षमताओं दोनों को समझना महत्वपूर्ण है। डॉ गणेश मल्होत्रा और डॉ रंजन शर्मा भी छात्रों के साथ थे और उन्होंने छात्रों के बीच जागरूकता बढ़ाने और राष्ट्रीय गौरव की भावना को बढ़ावा देने में भारतीय सेना के प्रयासों की सराहना की। छात्रों ने सेना के अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत की।

   

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