भिलंगना रेंज में आतंक का पर्याय बने नरभक्षी गुलदार को किया ढेर
- Admin Admin
- Nov 27, 2024
नई टिहरी, 27 नवंबर (हि.स.)। लंबे समय से आतंक का पर्याय बने नरभक्षी मादा गुलदार को वन विभाग की टीम ने टिहरी वन प्रभाग की भिलंगना रेंज के भौड़ गांव के निकट विभागीय शूटरों की मदद से ढेर कर दिया है। नरभक्षी गुलदार के ढेर होने के बाद वन विभाग ने भले ही राहत की सांस ली है। विभाग ने स्थानीय लोगों को अभी भी अलर्ट रहने की सलाह दी है। जबकि इस क्षेत्र में अभी भी गश्त के लिए 06 सदस्यीय रैकी टीम को निरंतर लगाया हुआ है।
बुधवार को डीएफओ पुनीत तोमर ने पत्रकारों को गुलदार के ढेर होने की जानकारी देते हुए बताया कि बीती जुलाई से बीते अक्टूबर तक भिलंगना रेंज के तीन गांवो में तीन मासूम बच्चों निवाला बनाने वाले गुलदार को बीती देर रात को लगभग दस बजे करीब ढेर कर दिया गया है। ढेर किया गया गुलदार जख्मी भी था। बीती 23 जुलाई को भिलंगना के भौंड़ गांव में गुलदार के एक बच्चे को निवाला बनाने के बाद ही गुलदार को नियंत्रित या नष्ट करने की परमिशन विभाग को उच्चाधिकारियों से मिल गई थी। लेकिन बरसात का सीजन होने के साथ घना जंगल होने के कारण मचान बनानें आ रही दिक्कतों के कारण गुलदार टीम के हाथ नहीं चढ़ पाया। जिसके बाद गुलदार ने बीती 29 सितंबर को पूर्वाल गांव व बीते 19 अक्टूबर को कोट महर गांव में भी दो बच्चों केा अपना शिकार बनाया। गुलदार की लगातार की वारदातों को देखते हुए विभागीश शूटरों को लेकर चार टीमों के गठन के साथ ही 25 लोगों का स्टाफ क्षेत्र में लगा दिया गया। लगातार ट्रेप कैमरों व सीसीटीवी व एरिया मैंपिंग के जरिये गुलदार की हरकतों पर नजर रखी गई। लेकिन घने जंगल के चलते गुलदार हाथ नहीं आया। पिंजरे लगाकर पकड़ने व ट्रैंकुलाईजेशन की प्रयास विफल होने के बाद बीती रात का विभागीय शूटरों ने क्षेत्र में खतरा बने नरभक्षी गुलदार को ढेर किया है।
लगभग चालीस दिनों के निरंतर प्रयास के बाद गुलदार को ढेर किया जा सका है। जबकि परमिशन मिलने के लगभग चार माह बाद गुलदार नष्ट हो पाया। भिलंगना के रेंज अधिकारी आशीष नौटियाल की देख-रेख में गुलदार को नष्ट करने की कार्यवाही को अंजाम तक पहुंचाया गया।
ग्रामीणों को अब भी अलर्ट रहने की हिदायत:
भले ही नरभक्षी गुलदार को वन विभाग की शूटर टीम ने ढेर कर दिया हो, लेकिन वन विभाग ने क्षेत्र के ग्रामीणों को अभी अलर्ट रहने की हिदायत दी, क्योंकि यह क्षेत्र घने वन व गुलदारों से आच्छादित क्षेत्र है।
डीएफओ तोमर का कहना है कि वनों से आच्छादित क्षेत्रों में ग्रामीणों को सतर्कता से रहने की जरूरत है। दूसरी ओर गुलदार के आतंक से प्रभावित इस क्षेत्र में गुलदार को ढेर किये जाने के बाद भी रैकी के लिए 06 सदस्यीय गश्त टीम अभी भी तैनात है। ताकि जंगली जानवरों से ग्रामीणों हो निरंतर सतर्क किया जा सके।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रदीप डबराल