बीएचयू में जलवायु-स्मार्ट खरपतवार प्रबंधन के लिए होगा मंथन,122 मौखिक प्रस्तुतियाँ भी होगी
- Admin Admin
- Nov 27, 2024
—भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(आईसीएआर) और भारतीय खरपतवार विज्ञान सोसायटी की पहल पर द्विवार्षिक सम्मेलन में जुटेंगे कृषि विशेषज्ञ
वाराणसी,27 नवम्बर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के स्वतंत्रता भवन सभागार में गुरूवार से कृषि विशेषज्ञों की जुटान होगी। विशेषज्ञ तीन दिनों तक “वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए जलवायु-स्मार्ट खरपतवार प्रबंधन” पर आधारित द्विवार्षिक सम्मेलन में मौखिक प्रस्तुतियों के साथ शोध पत्र भी पढ़ेंगे। भारतीय खरपतवार विज्ञान सोसायटी(आईएसडब्ल्यूएस),बीएचयू, खरपतवार अनुसंधान निदेशालय(डीडब्ल्यूआर) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(आईसीएआर) के संयुक्त सहयोग से आयोजित सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन पर भी चर्चा होगी।
एग्रोनॉमी विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान बीएचयू के प्रो. एमके सिंह ने बताया कि खरपतवार प्रबंधन तकनीकों में प्रगति के बावजूद, खरपतवार फसल और गैर-फसल दोनों पारिस्थितिकी प्रणालियों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा बने हुए हैं। रासायनिक खरपतवार नियंत्रण सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली विधि बनी हुई है, लेकिन कई खरपतवार प्रजातियों में शाकनाशी प्रतिरोध के उभरने से एकीकृत प्रबंधन प्रथाओं की एक विस्तृत श्रृंखला का पता लगाना आवश्यक हो गया है। उन्होंने बताया कि वैश्विक जलवायु पैटर्न में बदलाव के कारण खरपतवार प्रबंधन में उभरती चुनौतियों पर जोर देगा। इनमें खरपतवार वनस्पतियों में बदलाव, शाकनाशी प्रभावकारिता में कमी, फसल प्रणालियों में परिवर्तन और आक्रामक और परजीवी खरपतवारों का बढ़ता प्रचलन शामिल है, जिन्हें नियंत्रित करना मुश्किल साबित हुआ है। इसमें निवारक, यांत्रिक, सांस्कृतिक और रासायनिक विधियों सहित खरपतवार प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने वाले 9 तकनीकी सत्र होंगे। इसके अलावा, उद्योगों को समर्पित एक विशेष सत्र होगा, जिसका उद्देश्य जलवायु-स्मार्ट खरपतवार प्रबंधन के लिए सामान्य समाधान विकसित करना है। सम्मेलन में एक मुख्य व्याख्यान विश्व स्तरीय खरपतवार वैज्ञानिक डॉ. राबर्ट एल. ज़िम्दाल का होगा। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में 3 पूर्ण सत्र, 12 प्रमुख व्याख्यान, 10 आमंत्रित मौखिक व्याख्यान,122 मौखिक प्रस्तुतियाँ और 218 पोस्टर पत्र शामिल होंगे। यह सम्मेलन एक प्रमुख वैज्ञानिक समागम होगा, जिसमें विभिन्न देशों के विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन के सामने खरपतवार प्रबंधन में चुनौतियों से निपटने के लिए अपने नवीनतम शोध निष्कर्ष, नवीन तकनीक और प्रौद्योगिकी साझा करेंगे। सम्मेलन प्रतिनिधियों, शोधकर्ताओं और उद्योग के लिए नेटवर्किंग के पर्याप्त अवसर प्रदान करेगा। इसमें कार्यशालाएँ और पैनल चर्चाएँ भी होंगी, जो जलवायु-स्मार्ट खरपतवार प्रबंधन रणनीतियों पर सहयोगी आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करेंगी।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी