पढ़ना नहीं, लेखन मनुष्य को पूर्ण बनाता है : प्रो. संगीता श्रीवास्तव
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- Apr 24, 2025

इविवि में ‘क्रियेटिव इंग्लिस राइटिंग’ पर दो दिवसीय कार्यशाला
प्रयागराज, 24 अप्रैल (हि.स)। पढ़ना स्वयं में पूर्ण नहीं है, लेखन मनुष्य को पूर्ण बनाता है। लिखते समय हमारे दिमाग में सैकड़ों शब्द आते हैं लेकिन कुछ ही शब्दों का प्रयोग हम लेखन में कर पाते हैं। रचनात्मकता हमारे जीवन का अहम अंग है, लेखन हमें स्वयं के भीतर छुपे कौशल को विकसित करने के मौके देता है। यह बात इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कही।
बृहस्पतिवार को विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित दो दिवसीय ‘क्रियेटिव इंग्लिश राइटिंग’ कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी। कुलपति ने कहा कि हम एआई टूल नहीं बन सकते हैं, ऐसे में हमें रचनात्मक होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सीखने का सबसे अच्छा तरीका स्टोरी टेलिंग भी हो सकता है। प्रारंभ में हम परिजनों से कहानियां सुनकर सीखते हैं। बड़े होने पर हम किताबों में अपनी पसंद की कहानियां खोजते हैं। कहानियों में दिमाग को प्रभावित करने की क्षमता होती है। उन्होंने कश्मीर में हुए हृदय विदारक आतंकी हमले की निंदा की। तत्पश्चात उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं के लिए प्रार्थना की।
मुख्य वक्ता साहित्य अकादमी पुरस्कृत लेखिका प्रो. नीलम सरन गौर ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उनका ह्दय से जुड़ाव है। यहां आकर वह अपनापन महसूस करतीं हैं। उन्होंने कहा कि दुखी मन से अच्छे साहित्य का सृजन होता है। दुःख की घड़ी में अधिक मजबूती से शब्दों को पिरोकर साहित्य सृजन होता है। कार्यशाला के बारे में कहा कि युवा दिमाग से नवीन विचारों को जन्म मिलता है, युवाओं में कार्यशाला के दौरान सृजनात्मक लेखक सीखने का मौका मिलेगा।
इससे पूर्व, कार्यशाला के संयोजक प्रो. एसआई रिजवी ने पृश्वी और इसके बाद मानव की उत्पत्ति पर प्रकाश डाला। कहा कि पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवों में केवल मानव के दिमाग में सृजन क्षमता है। यही कारण है कि केवल मानव ही वर्तमान, भूत और भविष्य की कल्पना कर सकता है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में 140 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था, इसमें से केवल 25 विद्यार्थियों को चयन किया गया है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अरूप अचार्जी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शैफाली नंदन ने किया। इस मौके पर कुलसचिव प्रो.आशीष खरे, प्रो.बेचन शर्मा, प्रो.हर्ष कुमार, प्रो.जया कपूर और प्रो.अजय कुमार जेटली सहित सभी विभागों के शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र