विजयादशमी से पूर्व बिजली विभाग का तोहफा, लगातार पांचवें साल नहीं बढ़ी बिजली दर

लखनऊ, 10 अक्टूबर (हि.स.)।

प्रदेश के विद्युत नियामक आयोग ने नई बिजली दर का ऐलान कर दिया। उत्तर प्रदेश देश का

पहला राज्य बन गया, जहां में लगातार पांचवें साल बिजली दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं

की गयी। इस यथावत बिजली दर के बने रहने में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का अहम रोल

रहा, जो नियामक आयोग में अपनी तर्कसंगत मांगे रखी और बिजली दर को कम किये जाने की मांग

की।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने ऐलान किया है कि बिजली उपभोक्ताओं का कंपनियों पर निकल रहे 33122 करोड

के एवज में दरों में कमी के लिए संघर्ष जारी रहेगा। इसके साथ ही नियामक आयोग

ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर कनेक्शन जोडने व काटने का 50 रुपये

प्रस्तावित शुल्क और10 रुपये एसएमएस शुल्क को भी खारिज कर दिया है। इसके साथ

ही अब तीन किलो वाट कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं को भी तीन फेज कनेक्शन लेने की छूट दे दी

गयी है।

उपभोक्ता परिषद की लडाई के चलते विद्युत नियामक

आयोग ने पावर कॉरपोरेशन व बिजली कंपनियों के अनेकों प्रस्ताव खारिज कर दिया। इस साल भी बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 1944 करोड़ सरप्लस निकला। वहीं बिजली कंपनियों का 11203

करोड का घाटा दिखाया गया।

विद्युत

नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह ने गुरुवार को नई बिजली दरों का एलान करते हुए कहा कि पांचवी साल

भी उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में कोई इजाफा नहीं होगा और दरे यथावत रहेगी। प्रदेश में बिजली कंपनियां जहां चोर दरवाजे बिजली दरों में अपने

प्रस्तावित गैप 11203 करोड के एवज में भारी बढोतरी चाहती थी।

वहीं उपभोक्ता परिषद के संघर्ष के बाद उत्तर प्रदेश देश का पहला

राज्य बन गया जहां 5 सालों से बिजली दरें यथावत है। यह बात अवश्य है कि उत्तर प्रदेश में

बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33122 करोड सर प्लस निकल

रहा है। उसके एवज में अगले 5 वर्षों तक

8 प्रतिशत बिजली दरों में कमी का

ऐलान नियमानुसार विद्युत नियामक आयोग को करना चाहिए था,

लेकिन विद्युत नियामक आयोग ने ऐसा नहीं किया जो अपने आप में रेगुलेटरी फ्रेमवर्क

का खुला उल्लंघन है। इसको लेकर उपभोक्ता परिषद आगे अपना

संघर्ष जारी रखेगा।

उत्तर प्रदेश राज्य

विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार

वर्मा ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी नई बिजली

दर का अध्ययन उपभोक्ता परिषद करेगी। इसके बाद आगे की रणनीति

के तहत पहले से उपभोक्ताओं के निकले सरप्लस 33122 करोड़ व

वर्तमान में निकले सरप्लस को जोडकर विद्युत नियामक आयोग के सामने पुनर्विचार जनहित

याचिका दाखिल करते हुए बिजली दरों में कमी करने को लेकर फिर एक बार संघर्ष क्या

ऐलान करेगा और जब तक बिजली दलों में कमी नहीं हो जाएगी इस संघर्ष को अनवरत चलाएगा

हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय

   

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