पूर्वोत्तर के लिए केंद्रीय बजट में 5,915 करोड़ रुपये का प्रावधान
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- Feb 01, 2025
गुवाहाटी, 01 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय बजट 2025-26 में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय प्रावधान किया गया है। उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) का आवंटन 47.6% बढ़ाकर 5,915 करोड़ रुपये किया गया है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान 4,006 करोड़ रुपये से काफी अधिक है। यह सरकार की बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी और सामाजिक कल्याण पर विशेष ध्यान देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पूर्वोत्तर के लिए बजट 2025 के प्रमुख बिंदु
क्षेत्रीय संपर्क और बुनियादी ढांचा
उड़ान योजना के तहत पूर्वोत्तर के दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में 120 नए हवाई अड्डों और हेलीपैडों के विकास की योजना है। अगले 10 वर्षों में चार करोड़ अतिरिक्त यात्रियों को हवाई सुविधा प्रदान करने का लक्ष्य है।
विद्युत क्षेत्र सुधार
बिजली वितरण और ट्रांसमिशन में सुधार करने वाले राज्यों को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का अतिरिक्त 0.5% उधार लेने की अनुमति दी जाएगी।
कृषि एवं ग्रामीण विकास
असम के नमरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता वाला नया यूरिया संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
पीएम धन-धान्य कृषि योजना के तहत पूर्वोत्तर के 100 कृषि जिलों में फसल विविधीकरण, सिंचाई और भंडारण सुविधाओं का विकास होगा।
आत्मनिर्भरता इन पल्सेस मिशन से तूर, उड़द और मसूर की पैदावार को बढ़ावा मिलेगा।
उद्योग, रोजगार और स्वच्छ ऊर्जा
एमएसएमई निर्यातकों के लिए 20 करोड़ रुपये तक की क्रेडिट गारंटी कवर उपलब्ध होगी।
सौर ऊर्जा, ईवी बैटरी, पवन टरबाइन और ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर में सरकारी सहयोग से पूर्वोत्तर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
महिला एवं बाल विकास
‘सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0’ योजना के तहत आठ करोड़ बच्चों, एक करोड़ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं तथा 20 लाख किशोरियों को पोषण सहायता दी जाएगी।
पर्यटन और सांस्कृतिक विकास
बौद्ध पर्यटन सर्किट के विकास पर जोर दिया जाएगा। राज्यों को पर्यटक सुविधाओं और कनेक्टिविटी सुधारने के लिए प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन दिए जाएंगे।
मुद्रा लोन योजना के तहत होमस्टे उद्यमों को बढ़ावा दिया जाएगा।
अनुसंधान, डिजिटल नवाचार और व्यापार
पीएम रिसर्च फेलोशिप के तहत IITs और IISc में 10,000 फेलोशिप दी जाएंगी, जिसमें पूर्वोत्तर के छात्रों को प्राथमिकता मिलेगी।
भारत ट्रेडनेट प्लेटफॉर्म के माध्यम से पूर्वोत्तर के एमएसएमई को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं से जोड़ा जाएगा।
नेशनल जियोस्पेशियल मिशन भूमि रिकॉर्ड और बुनियादी ढांचा योजना को आधुनिक बनाएगा।
वित्तीय और नीतिगत सुधार
बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 100% तक बढ़ाई गई है, जिससे पूर्वोत्तर में वित्तीय समावेशन को बल मिलेगा।
‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ योजना से स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और लघु उद्यमियों को माइक्रोफाइनेंस सुविधा मिलेगी।
‘इन्वेस्टमेंट फ्रेंडलीनेस इंडेक्स’ और ‘जन विश्वास बिल 2.0’ से व्यापार सुगमता को बढ़ावा मिलेगा।
इस बजट के जरिए सरकार ने पूर्वोत्तर को देश के आर्थिक विकास का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। आत्मनिर्भरता, डिजिटल विस्तार और समावेशी विकास को प्राथमिकता देते हुए इसे भारत की प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनाने का प्रयास किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश