दोनों ओर के अधिकारियों ने किए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
हिसार, 22 जनवरी (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने भारतीय कृषि अनुसंधान
परिषद् के अंतर्गत केन्द्रीय भैंस अनुसंधान केन्द्र (सीआईआरबी) के साथ समझौता ज्ञापन
(एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य किसानों के लिए कौशल
विकास के कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज
की उपस्थिति में केन्द्रीय भैंस अनुसंधान केन्द्र
से संस्थान के निदेशक डॉ. टीके दत्ता और विश्वविद्यालय से अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर
गर्ग ने हस्ताक्षर किए।
कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने बुधवार को बताया कि विश्वविद्यालय अनुसूचित जाति
के उम्मीदवारों के कौशल विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों जैसे मूल्य वर्धित दूध उत्पादों,
फलों, सब्जियों, मशरूम उत्पादन, सिलाई, जैविक खेती, मधुमक्खी पालन, अनाज के मूल्य संवर्धन
जैसी योजनाओं में नियमित रूप से प्रशिक्षण का आयोजन कर रहा है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों
को इस तरह के प्रशिक्षण के आयोजन में विशेषज्ञता हासिल है। इन प्रशिक्षणों के संचालन
व सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने में विश्वविद्यालय सीआईआरबी को सहयोग प्रदान करेगा।
इस एमओयू के तहत विश्वविद्यालय इन प्रशिक्षणों का आयोजन करने के लिए विशेषज्ञ
के साथ सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगा जबकि सीआईआरबी इन प्रशिक्षणों में होने
वाले खर्च का वहन करेगा। उम्मीदवारों की सूची और प्रशिक्षण के कार्यक्रम को विश्वविद्यालय
का सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान और भारतीय कृषि अनुसंधान
परिषद्-केन्द्रीय भैंस अनुसंधान केन्द्र संयुक्त रूप से अंतिम रूप देंगे। उन्होंने
कहा कि विश्वविद्यालय ने देश के भीतर और बाहर प्रतिष्ठित शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थान
के साथ सहयोग की प्रक्रिया शुरू की है ताकि इसकी शैक्षणिक, अनुसंधान और प्रशिक्षण गतिविधियों
को बढ़ावा मिल सके तथा इस समझौते के तहत हम आपसी हित के क्षेत्रों की पहचान करके आगे
बढ़ेेंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय भैंस अनुसंधान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. नवनीत
सक्सेना, डॉ. संजय कुमार, मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. रमेश यादव, डॉ. अशोक गोदारा,
डॉ. रेणू मुंजाल, मीडिया एडवाइजर डॉ. संदीप आर्य, आईपीआर सेल के प्रभारी डॉ. योगेश
जिंदल, डॉ. अनुराग, डॉ. जितेन्द्र भाटिया व अर्पित कुमार उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर