कोलकाता में वक्फ कानून के खिलाफ रैली और नौकरी गंवाने वाले शिक्षा कर्मियों की पदयात्रा से लगा जाम

कोलकाता, 10 अप्रैल (हि.स.) । राजधानी कोलकाता के दो इलाकों में गुरुवार सुबह से ही दो बड़े कार्यक्रमों के चलते ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। इसका सबसे अधिक असर मध्य कोलकाता में देखने को मिला। नए वक्फ कानून में संशोधन के खिलाफ मौलाली में जमीअत उलमा-ए-हिंद द्वारा आयोजित विरोध सभा और सियालदह से धर्मतला तक नौकरी गंवाने वाले शिक्षा कर्मियों के मार्च के कारण शहर के कई प्रमुख सड़कों पर गाड़ियों की रफ्तार थमती नजर आई।

मौलाली में विरोध कार्यक्रम के चलते पार्क सर्कस, मौलाली, लेनिन सरणी, और एजेसी बोस रोड फ्लाईओवर के आसपास जाम की स्थिति बन गई। मल्लिकबाजार और पार्क सर्कस की ओर जाने वाली सड़कों पर भी गाड़ियों की आवाजाही बेहद धीमी रही। ट्रैफिक पुलिस ने जानकारी दी है कि कुछ समय के लिए सीआईटी रोड को भी बंद करना पड़ा। इसी दौरान मां फ्लाईओवर पर भी पार्क सर्कस की ओर गाड़ियों की रफ्तार पर असर पड़ा।

उधर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले युवाओं ने भी गुरुवार दोपहर 12 बजे सियालदह से एक रैली शुरू की, जो धर्मतला जाकर समाप्त होनी थी। इस रैली में नागरिक समाज से भी शामिल होने की अपील की गई थी। इससे मध्य कोलकाता में दोपहर के समय ट्रैफिक जाम और भी बढ़ने की आशंका थी। हावड़ा ब्रिज पर भी गाड़ियों की आवाजाही धीमी रही, जिससे यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

कोलकाता पुलिस के सूत्रों के मुताबिक वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ मौलाली के रामलीला मैदान तक रैली निकाली गई थी, जिसमें आयोजक संगठन के सैकड़ों सदस्य पहुंचे थे। कई गाड़ियां भी बाहर से शहर में आई थीं, जिसके चलते ट्रैफिक व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ा। वहीं, बेरोजगारों का मार्च अपेक्षाकृत छोटा रहा, लेकिन दोनों आयोजनों के कारण मध्य कोलकाता के प्रमुख मार्गों पर दिनभर जाम लगा रहा और सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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