सोनीपत में बाल विवाह के खिलाफ जंग के अभियान ने भरी नई उड़ान

-बाल विवाह पर जुर्माना एक लाख और

सजा दो साल : डॉ सांगवान

सोनीपत, 21 मार्च (हि.स.)। आधुनिक

युग में जहां शिक्षा और जागरूकता का प्रकाश फैल रहा है, वहीं बाल विवाह जैसी कुप्रथा

समाज को पीछे खींचने का काम कर रही है। इसी दिशा में एक सार्थक कदम उठाते हुए कैलाश

सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के तत्वावधान में एमडीडी ऑफ इंडिया की सोनीपत इकाई ने

स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से गन्नौर के बीडीपीओ कार्यालय में शुक्रवार को बाल विवाह

मुक्त भारत अभियान के तहत एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। इस कार्यशाला में सरपंच,

पंचायत सदस्यों और ब्लॉक समिति के प्रतिनिधियों को बाल विवाह के दुष्परिणामों और इसे

रोकने के उपायों से अवगत कराया गया।

कार्यक्रम

की अगुवाई गन्नौर की बीडीपीओ पूनम चंदा ने की, जिन्होंने इस सामाजिक बुराई को जड़ से

उखाड़ने का संकल्प दोहराया। पूर्व चेयरमैन और जिला समन्वयक मुख्य वक्ता डॉ. राज सिंह

सांगवान ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत 18 साल से कम उम्र की लड़की और

21 साल से कम उम्र के लड़के की शादी अपराध मानी जाती है। इसे अंजाम देने वालों, चाहे

वे माता-पिता हों, रिश्तेदार हों या शादी से जुड़े सेवा प्रदाता जैसे टेंट हाउस, हलवाई,

पंडित, या मैरिज गार्डन संचालक, सभी को दो साल की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना

हो सकता है।

पूनम

चंदा ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई सरपंच, पंच, पंचायत सचिव या अधिकारी

बाल विवाह की जानकारी छुपाएगा, तो नॉन रिपोर्टिंग ऑफ चाइल्ड मैरिज के तहत उन पर छह

महीने की जेल और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। कार्यक्रम में मौजूद कम्युनिटी

सोशल वर्कर सरिता, विकास दहिया और विक्टिम सपोर्ट कोऑर्डिनेटर सुनीता सिंह ने भी इस

अभियान को गति देने में योगदान दिया। सभी प्रतिभागियों ने एक स्वर में प्रतिज्ञा ली

कि हमने ये ठाना है, बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को सोनीपत में सफल बनाना है। यह पहल

न केवल कानूनी जागरूकता फैलाने का माध्यम बनी, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद

भी जगाती है।

हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना

   

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