कालिदास की रचना में भी दिखती है नारी शक्ति : उपराष्ट्रपति 



उपराष्ट्रपति का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री

- 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम में बाेले जगदीप धनखड़-भारत जैसी सांस्कृतिक विरासत कहीं नहीं

भोपाल, 12 नवंबर (हि.स.)। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कोई भी देश इस बात पर नहीं चलता कि हम अधिकारों पर जोर दें, हमें अपने दायित्वों से अधिकारों को संतुलित करना होगा। मन को टटोलिए, हम महान भारत के रहवासी हैं। राष्ट्र को सर्वोपरि रखते हैं। इसमें हर नागरिक को आहूति देनी है। आज की सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में एक तिहाई आरक्षण देकर महिला शक्तिकरण किया है। कालिदास की रचना में भी नारी शक्ति देखने को मिलती है। इन कृतियों में कुटुम्ब का ध्यान रखने की भी सीख छिपी हुई है। हमें पता होना चाहिए कि हमारे पड़ोस और हमारे समाज में कौन हैं।

उप राष्ट्रपति धनखड़ मंगलवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने जय महाकाल का उद्घोष कर अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि भारत जैसा कोई दूसरा देश नहीं है, जहां ऐसी सांस्कृतिक विरासत हो। जो देश और समाज अपनी संस्कृति और सांस्कृतिक धरोहर को संभालकर नहीं रखता, वो ज्यादा दिन नहीं टिकता है। उन्होंने कहा कि कालिदास की रचनाओं के बीच मानव और प्रकृति का अटूट रिश्ता देखने को मिलता है। पर्यावरण आज की ज्वलंत समस्या है। इसका ज्ञान हमें महाकवि कालीदास की रचनाओं से मिलता है कि पर्यावरण संरक्षण जरूरी है। हमारे पास पृथ्वी के अलावा कोई और स्थान रहने के लिए नहीं है।

उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि हमारा बच्चा इंजीनियर बने, डॉक्टर बने, इन सबसे ज्यादा जरूरी है अच्छा नागरिक बने। उन्होंने कहा कि कालिदास की मेघदूतम रचना हमें सिखाती है कि प्रकृति का ध्यान रखो, क्योंकि हमारे पास रहने के लिए दूसरी धरती नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत एक अकेला ऐसा देश दुनिया में है, जिसके पास 5 हजार साल की सांस्कृतिक विरासत है। भारत की प्रगति सबसे ज्यादा है। भारत 2047 में हमारा राष्ट्र सर्वेश्रेष्ठ बनेगा। राष्ट्र को सबसे ऊपर रखें। इसके लिए देश में आहूति हो रही है। भारत दुनिया का सिरमौर होगा। उपराष्ट्रपति ने जय महाकाल बाेलकर अपना उद्बाेधन समाप्त किया।

इससे पहले उपराष्ट्रपति धनखड़ ने दीप प्रज्ज्वलित कर 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ किया। उन्होंने समारोह में अलग-अलग क्षेत्रों के कलाकारों को कालिदास राष्ट्रीय अलंकरण सम्मान प्रदान किए। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री मोहन यादव, श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविन्ददेव गिरी महाराज समेत अन्य अतिथि मौजूद रहे। समारोह के शुभारंभ से पहले बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बाबा महाकाल की पुण्यधरा उज्जैन आगमन पर मुख्यमंत्री मोहन यादव और राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने आत्मीय स्वागत किया।

उपराष्ट्रपति ने दिए अलंकरण सम्मान-

उपराष्ट्रपति ने समारोह में कालिदास अलंकरण सम्मान शास्त्रीय गायन के लिए पं. उदय भावलकर पुणे (2022), पं. अरविंद पारेख मुंबई (2023), शास्त्रीय नृत्य के लिए डॉ. संध्या पुरेचा मुंबई (2022), गुरु कलावती देवी मणिपुर (2023), कला और शिल्प के लिये पीआर दारोच दिल्ली- कला और शिल्प (2022), रघुपति भट्ट मैसूर (2023), नाट्य के लिए भानु भारती राजस्थान (2022) और रुद्रप्रसाद सेन गुप्ता कोलकाता (2023) को प्रदान किया।

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हिन्दुस्थान समाचार

   

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