चाैदह दिनाें तक अखंड सुहाग की कामना के लिए धींगा गवर का पूजन

बीकानेर, 16 अप्रैल (हि.स.)। धींगा गवर एकमात्र ऐसा पर्व है, जो सभी वर्ग की महिलाओं को समान अधिकार देने का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से महिलाओं द्वारा श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया से लेकर वैशाख कृष्ण पक्ष की तृतीया तक, कुल 16 दिनों तक महिलाएं गवर माता की पूजा करती हैं।

इस अवधि में महिलाएं प्रतिदिन गवर माता की पूजा करती हैं और शिव-पार्वती की हंसी-ठिठोली से जुड़े प्रसंगों की कथा सुनती हैं। मंगलवार को भी महिलाओं ने पूजा के दौरान ढोलक की थाप पर पारंपरिक गणगौर गीत गाए। दीवार पर गवर माता की चित्रित प्रतिमा की विधिवत पूजा की गई।

गायत्री मंदिर के पास स्थित बाली गवर के बाद सुहागिन महिलाओं ने लगातार 14 दिनों तक अखंड सुहाग की कामना करते हुए धींगा गवर का पूजन किया। इस दौरान प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के पकवान बनाकर गवर माता को भोग अर्पित किया गया। महिलाओं ने बताया कि यह पूजन वैशाख मास की तीज और चौथ तक चलता है, जिसके पश्चात धींगा गवर को विदा किया जाता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

   

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