सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सरकार के सफल शासन की कहानियों का हो रहा वर्णन
- Admin Admin
- Mar 26, 2025

लखनऊ, 26 मार्च (हि.स.)। सेवा, सुरक्षा और सुशासन की नीति के आठ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में चल रहे ‘उत्कर्ष के आठ वर्ष’ समारोह के दूसरे दिन का शुभारम्भ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जुपिटर हॉल में भजन, लोक गायन, नुक्कड़ नाटक, कवि सम्मेलन और मुम्बइया बैण्ड के फ्यूजन के साथ त्रि-दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरूआत हुई।
स्कूली बच्चों से भरे जूपिटर हॉल में शक्ति श्रीवास्तव एवं उनके दल ने भजन ओर लोक गीतों के माध्यम से सुर सरिता का प्रवाह किया। माता के भजनों के साथ आरम्भ कर अवध के ललना का बखान उन्होंने अपने अवधी गीतों के रूप में किया। ‘आज मोहे रघुवर की सुध आई’ भजन ओर लोक गीतों से माहौल को भक्तिमय बना दिया। भजनों और लोक गीतों के बाद महेश चंद्र देवा एवं उनके टीम ने ‘आठ साल बेमिसाल’ नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। महेश चंद्र देवा के निर्देशन में अमन आहिल, श्रीकांत गौतम, हरिशंकर वर्मा, खुशी गौतम, शिखा वाल्मीकि एवं मोनू गौतम ने सरकार की योजनाओं को अपने अभिनय की कला से बखूबी चित्रित किया।
तत्पश्चात सोने लाल एवं टीम ने ‘राम नाम अति मीठा है, कोई गा के देख ले, आ जाते हैं राम बुला के देख ले’ और ‘राम जी हमारा कहा मान जाओ, सिया संग मन में समा जाओ’ सहित अन्य भजनों से श्रोताओं का मन मोह लिया। दर्शक दीर्घा में बैठे स्कूली बच्चों ने भी भजनों का आनंद उठाया। तत्पश्चात् राजेन्द्र कुमार पाठक की टीम ने भी लोक गीतों के माध्यम से समां बांध दिया। ‘बेटी को सम्मान दिलाना बनाना है सबको’ गीत पर दर्शक जमकर झूमे। दर्शकों से खचाखच भरे हॉल में ‘ए मेरे दिल के चैन’, ‘गुलाबी आखें’ और ‘दिल चाहता है’ समेत अन्य गानों पर लोग जमकार थिरके।
संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि सेवा, सुरक्षा और सुशासन की नीति के आठ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम गीत-संगीत, नाट्य, कवि सम्मेलन के माध्यम से सरकार के सफल शासन की कहानी बयां कर रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन