यूपी के वृद्धाश्रमों में सुविधाओं का विस्तार करेगी योगी सरकार

प्रदेश के सभी जिलों में संचालित वृद्धाश्रमों में खान-पान के साथ ही चिकित्सा व मनोरंजन की निःशुल्क सुविधा

लखनऊ, 3 अप्रैल (हि.स.)। योगी सरकार प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में प्रदेश के सभी 75 जनपदों में संचालित वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों को रहने, खाने-पीने, चिकित्सा और मनोरंजन जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही है। यह पहल न केवल निराश्रित बुजुर्गों के जीवन को सुगम बना रही है, बल्कि उन्हें आत्मसम्मान और सुरक्षा भी प्रदान कर रही है।

योगी सरकार इन वृद्धाश्रमों में सुविधाओं और विस्तार देने की पहल की है। जिसके अंतर्गत सभी बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड के माध्यम से उत्तम स्वास्थ्य सुविधा से जोड़ने के साथ-साथ उनके पूर्व के व्यवसाय और पेशे के अनुभवों को आज के परिपेक्ष्य में लाभ भी लेने की योजना बना रही है, जिसके बदले उन्हें निश्चित धनराशि भी प्रादान की जाएगी। सीएम योगी का मानना है कि इससे बुजुर्गों का न सिर्फ इन वृद्धाश्रमों में मन लगेगा बल्कि वो आत्मनिर्भर बन यहां बेहतर समय भी बिता सकेंगे।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में शासन द्वारा संचालित इन वृद्धाश्रमों में 150 क्षमता निर्धारित की गई है। इनका संचालन पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के सहयोग से किया जा रहा है। यह मॉडल सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के सहयोग से बुजुर्गों को बेहतर जीवन देने की दिशा में एक प्रभावी कदम के रूप में कार्यकर रह हैं। इन वृद्धाश्रमों में असहाय और निराश्रित बुजुर्गों को मुफ्त में भोजन, निवास, चिकित्सा और मनोरंजन की सुविधाएं दी जा रही हैं। सरकार की यह योजना उन बुजुर्गों के लिए वरदान साबित हो रही है जो किसी कारणवश अपने परिवार से अलग हो गए हैं या जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है।

वृद्धाश्रमों के संचालन में पारदर्शिता बनाए रखने और सुविधाओं की निगरानी के लिए फेस अटेंडेंस ऐप का उपयोग किया जा रहा है। इस तकनीक के माध्यम से वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्गों की दैनिक उपस्थिति दर्ज की जाती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी लाभार्थी आवश्यक सुविधाओं से वंचित न रहे। योगी सरकार ने वृद्धाश्रमों में रहने वाले संवासियों को वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ देने की भी व्यवस्था की है, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। इसके अलावा, धार्मिक आस्था को ध्यान में रखते हुए, इन बुजुर्गों के लिए तीर्थाटन की विशेष सुविधा भी प्रदान की जा रही है। सरकार की इस योजना के तहत बुजुर्गों को धार्मिक स्थलों की यात्रा करवाई जाती है, जिससे उन्हें मानसिक शांति और आध्यात्मिक आनंद प्राप्त होता है।

अभी हाल ही में बीते महाकुम्भ में योगी सरकार ने मेला क्षेत्र में अस्थाई वृद्धाश्रम के माध्यम से 1500 से ज्यादा बुजुर्गों को महाकुम्भ में स्थान करवाकर उनको पुण्य का भागीदार बनाया। ये सभी बुजुर्ग प्रदेश के अलग-अलग जिलों के वृद्धाश्रमों से योगी सरकार की सुविधा से यहां लाए गए थे। यहां उनके लिए श्रवण कुम्भ के माध्यम से मेडिकल कैंप लगाकर उनका चेकअप किया गया और आवश्यक उपकरण भी बांटे गए।

योगी सरकार ने प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों के संपत्ति विवाद या अन्य पारिवारिक समस्याओं को देखते हुए सरकार ने तहसील स्तर पर सुलह अधिकारी नियुक्त करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में कुल 216 सुलह अधिकारियों की नियुक्ति की जा चुकी है, जो वृद्धजनों की शिकायतों का निवारण कर उन्हें न्याय दिलाने में सहायता कर रहे हैं।

इसके अलावा वृद्धाश्रमों के बेहतर प्रबंधन और संचालन के लिए सरकार ने प्रत्येक जिले में कार्यान्वयन समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता जिले के जिलाधिकारी कर रहे हैं। यह समिति वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्गों को दी जाने वाली सुविधाओं की नियमित निगरानी और आवश्यक सुधार सुनिश्चित कर रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा

   

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