अधिक मात्रा में दवा छिड़काव से झुलसी धान फसल, किसान चिंतित
- Admin Admin
- Nov 04, 2024
धमतरी, 4 नवंबर (हि.स.)। कीटनाशक के अत्यधिक छिड़काव से ग्राम पंचायत भटगांव के एक खेत में धान फसल झुलस गई है। धमतरी जिले में इन दिनों खरीफ फसल तैयार हो चुकी है। कई स्थानों पर धान की कटाई भी तेजी से चल रही, वहीं कई किसानों की फसल अभी अंतिम चरण में है। इस दौरान धान फसल को कीटों से बचाने के लिए कई किसान दवा का छिड़काव कर रहे हैं। ग्राम पंचायत भटगांव के एक किसान के खेत में अत्यधिक दवा के छिड़काव फसल झुलस गई है, जिससे किसान को नुकसान होने का अंदेशा है।
उल्लेखनीय है कि कीटनाशक दवाई का सही उपयोग करने का तरीका नहीं मालूम होने पर फसल खराब होने की भी अंदेशा बना रहता है। इस तरह की स्थिति ग्राम पंचायत भटगांव के किसान फुलेस सिन्हा ने बताया कि कीटनाशक दवा का छिड़काव उन्होंने किया था, लेकिन कुछ दिन के अंदर असर नहीं दिखने पर उन्होंने फिर से दवा का छिड़काव कर दिया। दूसरी बार दवा का छिड़काव होने के बाद कई स्थानों से धान की फसल झुलसने लगी। इस तरह उन्हें इस बार फसल में नुकसान होने का अंदेशा सता रहा है। कृषि उपसंचालि मोनेश साहू का कहना है कि दवा का छिड़काव सही अनुपात में किया जाना चाहिए। अधिक मात्रा में दवा छिड़काव से फसल खराब हो जाती है। क्षेत्र के किसानों को लगातार समझाइए दी जाती है कि वे दवा छिड़काव के साथ ही साथ विशेषज्ञ से इसके बारे में जानकारी भी लेते रहें। मालूम हो कि बदली के चलते धान फसल में तेजी से बीमारी बढ़ रही है। खासकर इन दिनों भूरा माहो व चाप नामक बीमारी फसल को अपने चपेट में ले रही है। कटाई करनी है उसमें मज़बूरीवश दवा का छिड़काव करना पड़ रहा है।
तना छेदक व पत्ता मोड़ के प्रभाव से किसान चिंतित
इन दिनों मगरलोड ब्लाक सहित पूरे अंचल किसान खरीफ फसल के कार्य में व्यस्त हैं। कुछ जगह निंदाई कार्य चल रहा है। सम शीतोष्ण वातावरण होने कारण धान के फसल में कीट प्रकोप देखा जा रहा है। प्रमुख रूप से तनाछेदक, शीत ब्लास्ट, सड़न गलन की बीमारी की शिकायत मिल रही है। किसानों द्वारा दो से तीन बार दवाई छिड़काव करने पर भी तना छेदक बीमारी से राहत नहीं मिल रही है। इन दिनों मौसम में काफी बदलाव हो रहा है। कभी तेज धूप उमस तो कभी आसमान में बादल छाये रहते हैं। यही वजह है कि कीट प्रकोप बढ़ गया है। किसानों को सही मार्गदर्शन नहीं मिलने से बार-बार कीटनाशक दवाई का छिड़काव करना पड़ रहा।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा