डिजिटल फ्राड से सतर्क रहने और सुरक्षित बैकिंग के दिए टिप्स

धर्मशाला, 09 दिसंबर (हि.स.)। आरबीआई लोकपाल कार्यालय शिमला द्वारा अग्रणी जिला प्रबंधक, धर्मशाला की सहायता से नड्डी में एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम में रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना, 2021, सुरक्षित बैंकिग प्रथाओं तथा डिजिटल फ्रॉड से बचने के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

आरबीआई के लोकपाल शिमला शिव कुमार यादव ने कहा कि रिजर्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आईओएस) का मकसद बैंक या बैंकिंग सेवाओं से जुड़ी शिकायतों की समाधान प्रणाली को और बेहतर करना है। इससे केंद्रीय बैंक के नियमन के तहत आने वाली एंटिटीज जैसे बैंक, पेमेंट सर्विस ऑपरेटर्स के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतों का समाधान बेहतर तरीके से हो सकेगा। इसके तहत एक पोर्टल, एक ई-मेल और एक पता होगा, जहां ग्राहक बैंक, आदि के खिलाफ अपनी शिकायतें दायर कर सकते हैं। ग्राहक एक ही स्थान पर अपनी शिकायत दे सकते हैं, दस्तावेज जमा कर सकते हैं, अपनी शिकायतों-दस्तावेजों की स्थिति यानी स्टेटस जान सकते हैं और सुझाव दे सकते हैं। सरल शब्दों में ग्राहक के पास शिकायत दर्ज करने, दस्तावेज जमा करने, अपनी शिकायतों की स्थिति को ट्रैक करने और प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए एक ही रेफरेंस प्वॉइंट होगा। लोग आरबीआई द्वारा रेगुलेटेड, देश भर में स्थित किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान की एक सेंट्रलाइज्ड ओम्बड्समैन से शिकायत कर सकेंगे।

बैंकिंग और वित्तीय लेन-देन में सतर्क रहें

भरत राज आनंद, एजीएम, पीएनबी ने वित्तीय लेन-देन और बैंकिंग की जानकारी केवल सुरक्षित और प्रमाणित वेबसाइट्स पर ही साझा करें और वित्तीय लेन-देन की जानकारी को व्यक्तिगत रूप से सुरक्षित रखें। अपने ईमेल और मोबाइल में बैंकिंग संबंधी जानकारी लिखकर न रखें।

उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड से सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यदि आपको किसी अज्ञात व्यक्ति से ईमेल, मैसेज या कॉल मिलता है और वह आपसे आपकी पर्सनल और बैंकिंग संबंधी जानकारी मांगता है, तो आपको बहुत सावधान रहने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि किसी भी अनवांटेड ईमेल या मैसेज के विश्वासघातक लिंक्स या अटैचमेंट्स को क्लिक न करें, और उनसे कोई व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा न करें। ये आपको बड़ा नुकसान कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया

   

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