कराटे के मैदान से समाज की रक्षा तक, उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने पदक जीत बढ़ाया देश का मान 

- पंजाब के अमृतसर में आयोजित चैंपियनशिप में भारत सहित विभिन्न देशों के खिलाड़ियों ने लिया भाग- छठवें इंटरनेशनल कराटे-डो चैंपियनशिप 2024 में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने जीता 56 पदक, बढ़ाया गौरव देहरादून, 01 दिसंबर (हि.स.)। महागुरु नवीन हिक्की डिसाइल्पस एसोसिएशन वन मैन आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ मार्शल आर्ट की ओर से रविवार को आयोजित छठवें इंटरनेशनल कराटे-डो चैंपियनशिप 2024 के विजेताओं के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि विशाल कुमार वाल्मीकि ने कराटे को आत्मरक्षा और समाज की सुरक्षा का महत्वपूर्ण माध्यम बताया। यह चैंपियनशिप पंजाब के अमृतसर में 21 नवंबर से आयोजित की गई थी, जिसमें उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 56 पदक जीतकर प्रदेश का गौरव बढ़ाया।सम्मान समारोह मदर लैंड स्कूल मसूरी बाईपास में आयोजित किया गया। चैंपियनशिप में भारत सहित विभिन्न देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया। उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने काटा और कुमाइट मुकाबलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। गोल्ड मेडल विजेताओं में जीवन, सौरव रावत, सुबोध पोखरियाल, नीतू गुप्ता, सृष्टि घिल्डियाल, अभिषेक सैनी, आहिल अब्बास, और श्वेता भारती प्रमुख रहे। अन्य पदक विजेताओं में आराध्या नेगी, आध्या राणा, अर्चित भट्ट, पारिशा भट्ट, और मानवी आनंद ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।मुख्य अतिथि विशाल कुमार वाल्मीकि ने खिलाड़ियों को निरंतर मेहनत और अनुशासन के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कराटे न केवल आत्मरक्षा का माध्यम है, बल्कि यह मानसिक और शारीरिक विकास में भी सहायक है। अति विशिष्ट अतिथि राम प्रताप मिश्र ने विनम्रता, शिक्षा और परिजनों के सम्मान को जीवन की सफलता की कुंजी बताया।मदर लैंड स्कूल की निदेशिका दिव्याक्षी कुकसाल ने कराटे और अन्य मार्शल आर्ट्स को आत्मरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक बताया। महागुरु डॉ. नवीन हिक्की ने खिलाड़ियों को समसामयिक मुद्दों के प्रति सजग रहने और अपने परिवार का विशेष ध्यान रखने का आह्वान किया।अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह खुराना ने युवाओं को मोबाइल से दूर रहकर अपने परिवार के अनुभवों से सीखने की सलाह दी। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों और प्रशिक्षक मोहन व अन्य प्रशिक्षकों ने भी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया।

हिन्दुस्थान समाचार / राम प्रताप मिश्र

   

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