तुम चाहो तो उजाड़ सकते हो धरती का दामन, क्या फर्क पड़ता है वसंत को तो आना ही है
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- Feb 11, 2025
मंडी, 11 फ़रवरी (हि.स.)। भाषा एवं संस्कृति विभाग मंडी द्वारा बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में संस्कृति सदन कांगणीधार में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता जानी-मानी शास्त्रीय संगीतकार हिमाचल की स्वर कोकिला प्रो. शुक्ला शर्मा ने की। जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया ने बताया कि बसंत पंचमी के उपलक्ष्य आयोजित इस कवि सम्मेलन में मंडी व सुंदरनगर के करीब 32 कवियों ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की। अधिकांश कविताओं में बसंत और प्रकृति को लेकर कवियों ने अपने-अपने अंदाज में को दर्शाया।
इस बहुभाषी कवि सम्मेलन का आगाज वरिष्ठ साहित्यकार डा. गंगा राम राजी ने अभिनेता आलोक नाथ को लेकर कविता मेरी जवानी के दिन एक कविता का पाठ किया। उन्होंने कहा कि- आया हूं आज चंद पंक्तियां सुनाने, मेरे अकेलेपन को आप सबसे मिलाने, कविता कह नहीं सकता इसे, मेरी कहानी समझ लो...।
उन्होंने आगे कहा- बहुत कमाया अपनों के लिए, आज सुकून कमाने आया हूं। वहीं पर साहित्यकार कवि मुरारी शर्मा ने बसंत को लेकर एक कविता सुनाकर एक सुंदर संदेश दिया। उन्होंने अपनी कविता सुनाते हुए कहा- तुम चाहो तो उजाड़ सकते हो धरती का दामन, या फिर अपने मन का मौसम ...क्या फर्क पड़ता है, वसंत को तो आना ही है। जबकि रतन लाल शर्मा ने हंसी के फव्वारे हास्यप्रद चुटकुले सुनाकर सबका मनोरंजन किया। निर्मला चंदेल ने महाकुंभ तीर्थो के राजा प्रयाग राज गंगा जमुना से नहीं जलेंगे अधिकार पर कविता पढ़ी, जबकि विनोद गुलेरिया ने गल सुणी जा मेरी गल सुनाई जा, मिंजो बड़ी याद आउंदी बापू तेरे घरा दी मंडयाली कविता सुनाकर सबका मन मोह लिया।
वहीं पर लोक गायिका कृष्णा ठाकुर ने अपनी कविता में कहा- ये क्या हो रहा है बढ़ते नशे के प्रभाव की चिंता व्यक्त की तथा युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने का संदेश दिया। जबकि आर के गुप्ता ने आग कविता नामक सुंदर पहाड़ी कविता सुनाई। इसके अतिरिक्त कृष्ण चंद्र महादेविया, रूपेश्चरी शर्मा, हरिप्रिया शर्मा, सीमा शर्मा, दक्षा शर्मा, सुरेंद्र मिश्रा, दीप कुमार, विद्या शर्मा,वेद कुमार, जिंदू, हरपिंदर कौर इत्यादि ने भी कविताएं सुनाकर श्रोताओं का मनोरंजन किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा