हिसार : किसान की आत्महत्या के बाद जागा​ विभाग, निगरानी  में बंटेगी डीएपी

डीएपी या यूरिया का स्टॉक रखने वाले खाद विक्रेताओं पर होगी कार्रवाई : डॉ.

बलराज

हिसार, 8 नवंबर (हि.स.)। डीएपी खाद न मिलने से परेशान किसान के आत्महत्या करने

का मामला सामने आने के बाद कृषि विभाग सतर्क हो गया है। विभाग ने किसानों को डीएपी

देने के लिए शैड्यूल तैयार किया है वहीं खाद्य विक्रेताओं के गोदामों व स्टॉक की जांच

भी शुरू की है। कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. बलराज सिंह ने शुक्रवार को बताया कि डीएपी

खाद वितरण को लेकर कृषि विभाग पूरी तरह से गंभीर है और किसानों को कोई समस्या नहीं

आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई खाद विक्रेता डीएपी या यूरिया का स्टॉक रखता

है और किसानों को खाद देने से मना करता है तो उसके खिलाफ कृषि विभाग सख्त कार्रवाई

करेगा।

उन्होंने कहा कि अगर खाद विक्रेता द्वारा निर्धारित गोदाम के अलावा कहीं और

दूसरी जगह पर डीएपी या यूरिया खाद का गोदाम बनाया गया या स्टॉक लगाया गया है तो उस

स्थिति में भी कृषि विभाग सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को डीएपी खाद

लेने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। उकलाना में जो भी डीएपी खाद

पहुंचेगी, उसका वितरण कृषि विभाग के अधिकारियों की देखरेख में करवाया जाएगा और अगर

कहीं पर किसानों के साथ डीएपी यूरिया लेने में ब्लैक की जा रही है, अवैध गोदाम कहीं

पर मिलता है या किसी ने अन्य चीज की टैगिंग की जा रही तो इसकी सूचना ब्लॉक कृषि अधिकारी

के कार्यालय उकलाना में दे सकते हैं। जिस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात रहे कि तीन दिन पूर्व उकलाना के साथ लगते गांव भीखेवाला के किसान रामभगत

ने डीएपी न मिलने से परेशान होकर कीटनाशक का सेवन करके आत्महत्या कर ली थी। किसान की

आत्महत्या का यह मामला राजनीतिक सुर्खियां बन गया था और विपक्ष ने इस मसले पर सरकार

की आलोचना भी है। मामले के तूल पकड़ने के बाद कृषि विभाग के अधिकारी हरकत में आए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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