दहेज के लिए विवाहिता की हत्या मामले में कोर्ट ने पति को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
- Admin Admin
- Oct 08, 2024
अररिया, 08 अक्टूबर(हि.स.)।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ रवि कुमार की अदालत ने पत्नी की हत्या के आरोपी पति को दोषी करार देते हुए आजीवन सश्रम कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।साथ ही कोर्ट ने अपने फैसले में हत्या कर साक्ष्य छिपाने के आरोप में पांच वर्षों की भी सजा सुनाई।
कोर्ट ने दोनों ही धाराओं में सजा साथ साथ चलाने का आदेश दिया।कोर्ट ने सत्र वाद संख्या 594/2022 में सजा सुनवाई करते हुए सुनाई।मामला जोगबनी थाना प्राथमिकी कांड संख्या 303/2019 से सबंधित हैं।सजा पाने वाला दोषी भीम बहरदार पिता सैनी बहरदार, टिकुलिया बस्ती वार्ड नं -18 का निवासी है।
मृतक रंजना देवी की माँ आनंदी देवी के द्वारा की दर्ज कराई गई थी,जो कि नेपाल के मोरंग जिला अंतर्गत विराटनगर की निवासी है।मुकदमा दहेज हत्या की धारा 304 (बी) में दर्ज की गई थी। दर्ज कराई गई प्राथमिकी में सूचक आनंदी देवी ने बताया था कि दोषी अपने परिवारवालों के साथ, अपनी मृतका रंजना देवी से विवाह के छह महीने के बाद मोटरसाइकिल की मांग किया था और मोटरसाइकिल की मांग की पूर्ति हो जाने के बाद पुनः एक लाख रुपये की मांग मृतका से की गई, जिसमे दोषी पति को 80 हजार रुपये भी दिया गया था और इसके बाद पुनः दो लाख रुपये दहेज के लिए मांग को लेकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया करता था।
इसी क्रम में 12 अक्टूबर 2019 को मृतका रंजना देवी को मारकर परमान नदी में फेंक दिया गया था और पुलिस के समक्ष स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर लाश को परमान नदी से बरामद किया गया था।
इस कांड में दोषी के अलावा उसके भाई अर्जुन मुखिया, माँ मकको देवी, पिता सैनी बहरदार को न्यायालय ने रिहा कर दिया।
सजा की बिंदु पर सुनवाई करते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ता संजीव कुमार सिन्हा ने न्यायालय से कम उम्र का हवाला देते हुए कम से कम सजा सुनाए जाने की गुहार लगाई, जबकि सरकार के ओर से अपर लोक अभियोजक प्रभा कुमारी ने न्यायालय के समक्ष अपनी दलीलें दी।दोनों ही पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने दोषी भीम बहरदार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई ।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर