ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना के लिए हुआ एमओयू, एक हजार युवाओ को मिलेगा रोजगार

शिमला, 05 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की उपस्थिति में बुधवार को राज्य सरकार और मेसर्स स्प्रे इंजीनियरिंग डिवाइसेज लिमिटेड, चंडीगढ़ के बीच सोलन जिले के बीबीएन में 1400 करोड़ रुपये की लागत से भारत की पहली एपीआई, ग्रीन हाइड्रोजन और 2जी इथेनॉल की एकीकृत विनिर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए मेमोरेन्डम ऑफ कमिटमेंट (एमओसी) पर हस्ताक्षर किए गए।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इस परियोजना से 1000 युवाओं को रोजगार मिलेगा और ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की दिशा में हिमाचल प्रदेश एक महत्वपूर्ण कदम उठाएगा। पहले चरण में 30 मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन की आवश्यकता होगी और भविष्य में इसे बढ़ाकर 50 मेगावाट किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश को मार्च 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सोलन जिले के नालागढ़ में ऑयल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से एक मेगावाट का ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने संबंधित कंपनी को इस परियोजना को एक वर्ष के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए।

इस समझौते पर राज्य सरकार की ओर से निदेशक उद्योग डॉ. युनूस और कंपनी के प्रबंध निदेशक विवेक वर्मा ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, विधायक संजय अवस्थी, सलाहकार अधोसंरचना अनिल कपिल, अतिरिक्त मुख्य सचिव आर.डी. नजीम, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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