हरिद्वार, 23 सितंबर (हि.स.)। बैरागी निर्वाणी अणी अखाड़े के संत बाबा हठयोगी के एक बयान से पुरोहित समाज और गंगा सभा की राजनीति गरमाई हुई है। बाबा हठयोगी ने कहा है कि हरकी पैड़ी जैसी गंगा आरती हरिद्वार में अन्य घाटों पर भी होनी चाहिए, जिससे हरकी पैड़ी पर भीड़ का दबाव कम हो। चेतन ज्योति आश्रम में एक कार्यक्रम में बोलते हुए बाबा हठयोगी ने कहा कि हरकी पैड़ी सरकारी आंकड़ों में एक नहर है और नहर पर आरती का कोई मतलब नहीं। उन्होंने इस आधार पर भी हरकी पैड़ी के उत्तर में स्थित घाटों पर गंगा आरती शुरू करने की पैरवी की कि हरकी पैड़ी पर श्मशान घाट का अशुद्ध जल बहकर पहुंचता है। कार्यक्रम में हरिद्वार सांसद भी मौजूद थे।
बाबा हठयोगी के इस बयान का हरकी पैड़ी की प्रबंधकारिणी गंगा सभा ने कड़ा प्रतिकार किया है। गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि संत हमारे पूज्य हैं, लेकिन सनातन में मान्यता है कि एक उम्र के बाद व्यक्ति की बुद्धि नष्ट हो जाती है। हमारे समाज में छोटे बच्चों और ऐसे वृद्धों को समान समझा जाता है और उनकी बात का बुरा नहीं माना जाता। उन्होंने कहा कि गंगा का इतिहास पौराणिक है और उस पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला



