भारतीय सांकेतिक भाषा के माध्यम से लोगों को सशक्त बनाना समय की मांग: धर्मेंद्र प्रधान
- Admin Admin
- Dec 06, 2024
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सांकेतिक भाषा के माध्यम से लोगों को सशक्त बनाना समय की मांग है ताकि वास्तव में समावेशी और प्रगतिशील समाज का निर्माण किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री नई दिल्ली में भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) के लिए पीएम-ई-विद्या डीटीएच 24x7 चैनल नंबर 31 का शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चैनल 31 बेजोड़ प्रतिभा को सामने लाने और श्रवण बाधितों तथा अन्यों के बीच की खाई को पाटने में मदद करेगा।
प्रधान ने दिव्यांगता के प्रकारों को सात से बढ़ाकर 21 करने के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे कानूनी ढांचा और अधिक व्यापक हो गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) ने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) की शिक्षा को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि यह अधिक समावेशी शिक्षा प्रणाली की ओर बदलाव को दर्शाता है।
आईएसएल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रधान ने कहा कि संचार के लिए ध्वनि ही एकमात्र माध्यम नहीं है। सांकेतिक भाषा जैसे वैकल्पिक रूप सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने आईएसएल को वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित करने और इसे व्यापक रूप से अपनाने का आह्वान किया, ताकि भारत में श्रवण बाधित आबादी की सहायता के लिए अधिक से अधिक व्यक्तियों को आईएसएल सीखने की कल्पना की जा सके। उन्होंने कहा कि इससे रोजगार के अवसर पैदा करने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने हितधारकों से चैनल 31 को लोकप्रिय बनाने और भारत भर में इसकी पहुंच सुनिश्चित करने का आग्रह किया, ताकि दुनिया के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा का प्रवेशद्वार बन सके, साथ ही उन्होंने कहा कि यह उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि यह पहल संवैधानिक अधिकारों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है, जिससे सभी नागरिकों के लिए शिक्षा और संसाधनों तक समान पहुंच सुनिश्चित होती है।
भारतीय सांकेतिक भाषा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक विशेष पीएम ई-विद्या चैनल की परिकल्पना आईएसएल को एक भाषा के साथ-साथ एक स्कूली विषय के रूप में बढ़ावा देने के लिए की गई है, ताकि बड़ी आबादी को भाषा सीखने की सुविधा मिल सके। यह चैनल स्कूली बच्चों (केंद्रीय और राज्य पाठ्यक्रम), शिक्षकों, शिक्षक प्रशिक्षकों और अन्य हितधारकों के लिए करियर संबंधी मार्गदर्शन, कौशल प्रशिक्षण, मानसिक स्वास्थ्य, कक्षा-वार पाठ्यक्रम सामग्री, संचार कौशल के क्षेत्र में शिक्षण सामग्री का प्रसार करेगा। इससे हिंदी और अंग्रेजी जैसी मौखिक भाषाओं की तरह सांकेतिक भाषा को भाषा के एक विषय के रूप में बढ़ावा मिलेगा।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार