हरियाणा के ट्यूबवेल ऑपरेटरों का मानदेय बढ़ा

चंडीगढ़, 3 मार्च (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने जल घरों में काम करने वाले ट्यूबवेल ऑपरेटरों के मानदेय में वृद्धि कर दी है। विकास एवं पंचायत विभाग की ओर से सभी जिला उपायुक्तों, जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, जिला पंचायत अधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों के नाम सोमवार को पत्र जारी कर दिया गया है।

यह फैसला मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भारतीय मजदूर संघ के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के बीच शनिवार को चंडीगढ़ में हुई वार्ता में लिया गया था। इस बैठक में लिए गए फैसलों को अमली रूप देने के लिए मंगलवार को चंडीगढ़ में मुख्य सचिव तथा भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधियों के बीच बैठक होने जा रही है।

सोमवार को जारी पत्र में बढ़े मानदेय की सूचना दी गई है। छह हजार ग्रामीण ट्यूबवेल ऑपरेटरों का वेतन भी बकाया है, जिसे जारी करने पर शनिवार को सहमति बनी थी। उन सभी को कौशल रोजगार निगम में पोर्ट किया जाना है। राज्य में करीब छह हजार ट्यूबवेल ऑपरेटर हैं। अब उन्हें 11 हजार 691 रुपये मासिक मानदेय के स्थान पर 12 हजार 342 रुपये मासिक मानदेय प्रदान किया जाएगा।

मानदेय का 13 प्रतिशत ईपीएफ राज्य सरकार की ओर से मिलेगा, जिसमें एक प्रतिशत जीएसटी शामिल है। मानदनेय का सवा तीन प्रतिशत ईएसआई का लाभ प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, यदि कोई ट्यूबवेल ऑपरेटर नौकरी करते हुए दिवंगत हो जाता है तो राज्य सरकार की दयालु-टू योजना के तहत लाभ मिलेंगे और सेवानिृत्ति पर एक मुश्त दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी के साथ मंगलवार को होने वाली बैठक में भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार की ओर से हरियाणा के मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित कैशलेस इलाज की योजना को तुरंत प्रभाव से लागू करने का मुद्दा उठाया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य के करीब 1300 मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए कैशलेश इलाज की योजना की घोषणा कर रखी है, लेकिन अधिकारियों की इच्छा शक्ति के अभाव में यह घोषणा आज तक पूरी नहीं हो पाई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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