तमिलनाडु भाजपा ने सर्वदलीय बैठक का किया बहिष्कार, एमके स्टालिन को लिखा पत्र
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- Mar 01, 2025
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नई दिल्ली, 1 मार्च (हि.स.)। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को पत्र लिखकर 5 मार्च को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की है। उन्होंने राज्य के सभी छात्रों के लिए तीन-भाषा नीति के समर्थन में 5 मार्च से एक हस्ताक्षर अभियान शुरू करने की भी घोषणा की है।
के. अन्नामलाई ने पत्र में मुख्यमंत्री स्टालिन पर आरोप लगाया कि वे राज्य में परिसीमन को लेकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं और सर्वदलीय बैठक काल्पनिक भय फैलाने के लिए बुलाई गई है। अन्नामलाई ने पत्र में लिखा कि परिसीमन को लेकर एक काल्पनिक और निराधार डर है, जो स्टालिन द्वारा फैलाया जा रहा है। इस पत्र के माध्यम से सूचित किया जाता है कि भाजपा ने सर्वदलीय बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। इस पत्र के माध्यम से हम आपको यह भी सूचित करना चाहते हैं कि भाजपा तमिलनाडु में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अनुशंसित राज्य के सभी छात्रों के लिए तीन-भाषा नीति के समर्थन में 5 मार्च, 2025 को हस्ताक्षर अभियान शुरू कर रही है।
उन्होंने पत्र में लिखा कि अगर तमिलनाडु सरकार को सीमांकन अभ्यास के कारण संसद में राज्य की सीटें कम होने का यह काल्पनिक डर था तो इंडी गठबंधन के 39 सांसदों के माध्यम से हाल ही में हुए बजट सत्र के दौरान लोकसभा में यह प्रश्न उठा सकते थे लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पिछले एक हफ्ते से आपके द्वारा प्रचारित काल्पनिक हिंदी थोपने के नाटक में असफल होने के बाद लोगों का ध्यान भटकाने के लिए एक दिन अचानक डीएमके जाग जाती है और सोशल मीडिया पर इसके बारे में पोस्ट करने का फैसला करती है।
उन्होंने कहा कि डीएमके के यूपीए सरकार और राज्य में सत्ता में होने के बावजूद तमिल भाषा को राज्य से बाहर लोकप्रिय बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समृद्ध तमिल भाषा को दुनिया भर में प्रसिद्ध करने का काम किया। महाकवि सुब्रमण्य भारती के सम्मान में उनके जन्मदिन, 11 दिसंबर को राष्ट्रीय भाषा दिवस घोषित किया गया तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एक तमिल चेयर की शुरुआत की गई।
इसके साथ पहले
काशी तमिल संगमम में थिरुकुरल को 13 भाषाओं में जारी किया गया। दूसरे संस्करण में काशी तमिल संगमम में संगम-युग की 46 पुस्तकों का कई भाषाओं में अनुवाद किया गया तथा ब्रेल में थिरुकुरल का विमोचन किया गया। प्रधानमंत्री ने कम से कम 100 भाषाओं में थिरुकुरल को जारी करने की कल्पना की है।
फ्रांस के सेर्गी में संत तिरुवल्लुवर की एक प्रतिमा स्थापित की गई।
चोल गौरव, ब्रिटिश उपनिवेशवाद से स्वतंत्र भारत में सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक सेंगोल, जिसे आपके गठबंधन सहयोगी द्वारा संग्रहालय में एक छड़ी के रूप में निर्वासित कर दिया गया था, अब नए संसद भवन में अपने सही स्थान पर बहाल किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी