हिमाचल किसान सभा ने पांवटा साहिब में निकली रोष रैली

नाहन, 11 फ़रवरी (हि.स.)। हिमाचल किसान सभा के बैनर तले भूमिहीन किसानों ने मंगलवार को लोक निर्माण विभाग विश्रामगृह से एसडीएम कार्यालय तक एक विशाल रोष रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।

मीडिया से बातचीत में हिमाचल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष एवं जिला महासचिव राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में जमीन का सवाल आज एक ज्वलंत मुद्दा बन चुका है। हिमाचल प्रदेश की 72% भूमि सरकार के अधीन है, जबकि करीब 14 लाख परिवारों के हिस्से में मात्र 5 लाख हेक्टेयर जमीन बचती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नतोड़, भूमिहीन और मुजारों को मिली भूमि का स्थायी बंदोबस्त किए बिना और पट्टे जारी किए बिना वर्ष 1980 में वन संरक्षण कानून लागू कर दिया, जिससे लाखों परिवारों की जमीन पर संकट खड़ा हो गया है।

सरकार के खिलाफ आक्रोश, विधानसभा सत्र में मांगें उठाने की चेतावनी

किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार भूमिहीन किसानों और पारंपरिक हकदारों के हक मारने पर आमादा है। किसान सभा का कहना है कि यदि सरकार आगामी विधानसभा सत्र में उनकी मांगों को शामिल नहीं करती, तो किसान सचिवालय के बाहर बड़ा आंदोलन करेंगे।

किसानों ने मांग की कि जिन लोगों को पारंपरिक रूप से खेती करने के लिए जमीन मिली थी, उनका स्थायी बंदोबस्त किया जाए और उन्हें कानूनी अधिकार दिए जाएं। प्रदर्शन में सैकड़ों किसानों ने भाग लिया और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।

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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर

   

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