आसरा संस्था ने 'वेद लोकनाटय' का किया मंचन

नाहन, 16 फरवरी (हि.स.)। आसरा संस्था द्वारा 16 फरवरी को हाब्बी मान सिंह कला केंद्र जालग में 'वेद लोकनाटय' का मंचन किया गया। यह आयोजन संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार भारत रंग महोत्सव के 25 वर्षों की उपलब्धि के अवसर पर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली के 'विश्व जन रंग' कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया।

आसरा संस्था के प्रभारी डॉ. जोगेंद्र हाब्बी ने बताया कि इस लोकनाटय का उद्देश्य विशेष रूप से भरत मुनि द्वारा रचित नाट्य शास्त्र के महत्व को उजागर करना था।

'वेद लोकनाटय' का मंचन करियाला शैली में किया गया जिसमें ऋषिगण भरत मुनि से यह प्रश्न करते हैं कि जब चार वेदों में ही सारा जगत का रहस्य निहित है और वे पूर्ण हैं, तो फिर पांचवे वेद की आवश्यकता क्यों पड़ी। इसके जवाब में भरत मुनि कहते हैं कि मनुष्य को ज्ञान प्राप्ति में सरलता और सुविधा हो, इस उद्देश्य से पंचम वेद अर्थात नाट्य शास्त्र की रचना की गई। नाट्य शास्त्र का जन्म चारों वेदों के अंगों को मिलाकर हुआ है।

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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर

   

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