फिर दिखा आदमखोर लेपर्ड, मां-बेटी ने खुद को घर में बंद कर बचाई जान

उदयपुर, 4 अक्टूबर (हि.स.)। गोगुंदा गांव में बीती रात एक बार फिर आदमखोर लेपर्ड के मूवमेंट से दहशत बढ़ गई। इस दौरान मां-बेटी ने जब लेपर्ड को अपनी तरफ आते देखा तो खुद को घर में बंद कर जान बचाई। शोर मचाने पर गांव के लोग लाठी-कुल्हाड़ी लेकर बाहर निकले। शुक्रवार रात को लेपर्ड का मूवमेंट गोगुंदा के मजावद ग्राम पंचायत के खेड़ा गांव में दिखाई दिया। ये गांव कुडाऊ से तीन किलोमीटर की दूरी पर है, जहां 25 सितंबर की रात आदमखोर लेपर्ड ने पांच साल की बच्ची का शिकार किया था। दूसरी ओर लेपर्ड के शूट आउट के लिए अब दो नई इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम बनाई गई है। इस टीम में वाइल्डलाइफ सीसीएफ टी. मोहन राज के साथ ही सरिस्का, रणथम्भौर और केवलादेव नेशनल पार्क के अधिकारी शामिल है।

बीती रात मजावद के खेड़ा गांव में फिर लेपर्ड नजर आया। ग्रामीणों ने बताया कि पूनाराम गमेती के घर के बाहर मां और उनकी बेटी को लेपर्ड दिखाई दिया। पूनाराम गमेती ने बताया कि दोनों मां-बेटी घर के बाहर बैठी ​थी, तभी उनके घर के सामने लेपर्ड दिखाई दिया। इसके बाद दोनों वहां से भागी और खुद को घर में बंद कर दिया। कुछ देर बाद ग्रामीणों के आने पर परिवार बाहर निकला तो पता चला कि लेपर्ड पूनाराम के घर के बाहर रखी मुर्गियों का शिकार कर चला गया। इसके बाद ग्रामीण लाठी और कुल्हाड़ी लेकर गांव में गश्त करने लगे। ग्रामीणों की मांग थी कि वन विभाग यहां पिंजरा लगाए ताकि गांवों में लेपर्ड का आतंक बंद हो।

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पवन उपाध्याय ने बताया कि लेपर्ड को शूट आउट करने के लिए शुक्रवार से स्पेशल ऑपरेशन शुरू किया जा रहा है। इसमें दो टीम फिल्ड में रहेगी। पहली टीम छह अक्टूबर तक गोगुंदा में रहेगी। टीम को सीसीएफ वाइल्डलाइफ जयपुर टी. मोहन राज लीड करेंगे। इनके साथ टीम में सरिस्का फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह और रामगढ़ विषधारी डीसीएफ संजीव शर्मा रहेंगे। मुख्य वन संरक्षक उदयपुर सुनील छिद्री ने बताया कि स्पेशल ऑपरेशन चलाने के लिए ईआरटी टीम गोगुंदा पहुंच चुकी है। इनके नेतृत्व में ​ऑपरेशन के लिए रणनीति बनाई गई है। जल्द ही लेपर्ड को सशर्त पहले ट्रैंकुलाइज किया जाएगा। यदि वह पकड़ में नहीं आता है तो उसे शूट आउट करेंगे। यदि इस टीम को सफलता नहीं मिलती है तो दूसरी टीम सात से नाै अक्टूबर तक स्पेशल ऑपरेशन चलाएगी। दूसरी टीम में एपीसीएफ वाइल्ड लाइफ राजेश गुप्ता, रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर अनूप केआर और केवलादेव नेशनल पार्क भरतपुर के डीसीएफ मानस सिंह शामिल हैं। ये सात अक्टूबर को गोगुंदा आएंगे।

गोगुंदा क्षेत्र में लगातार बढ़ते हमलों से ग्रामीणों में खासकर वन विभाग के कर्मचारी-अधिकारी के खिलाफ जोरदार गुस्सा देखने को मिल रहा है। एक दिन पहले भी केवलों का खेड़ा गांव में ग्रामीणों ने वन विभाग के कर्मचारियों पर पत्थरबाजी करते हुए उन्हें वहां से दौड़ाया। कर्मचारियों ने स्कूल में बंद होकर अपनी जान बचाई तो कुछ वाहनों से इधर-उधर भाग निकले। बाद में एसडीएम नरेश सोनी, थानाधिकारी शैतानसिंह नाथावत और उप जिला प्रमुख पुष्कर तेली मौके पर पहुंचे और समझाइश की।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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