राेहतक: नौसेना में सुनहरे करियर की अपार संभावनाएं, समुद्री सेना का ताकतवर होना बहुत जरूरी : प्रदीप जोशी

एमडीयू में भारतीय नौसेना दिवस के उपलक्ष्य में हुआ विशेष व्याख्यान

रोहतक, 4 दिसंबर (हि.स.)। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में रक्षा एवं सामरिक अध्ययन विभाग द्वारा भारतीय नौसेना दिवस के उपलक्ष्य में बुधधार काे विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नौसेना के सेवानिवृत्त रियर एडमिरल प्रदीप जोशी ने बतौर मुख्यवक्ता शिरक्त की। न्होंने कहा कि भारतीय नौसेना भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देती है। यह भारतीय युवाओं को नौसेना में करियर बनाने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि भारत सामरिक दृष्टि से समुद्रों से घिरा हुआ है यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा एवं समुद्री व्यापार को सुरक्षित रखने का काम करता है।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को नौसेना में भर्ती होने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए और नौसेना में भर्ती होकर देश सेवा में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नौसेना में सुनहरे करियर की अपार संभावनाएं हैं। साथ ही उन्होंने भारतीय नौसेना में महिलाओं की भागीदारी पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हमारा देश तीन ओर से सागर से घिरा होने के कारण हमें भारतीय नौसेना की महत्वपूर्ण आवश्यकता पड़ती है। नौसेना के बिना हम हमारी समुंद्री सीमा को सुरक्षित नहीं रख सकते। समुद्री सेना का ताकतवर होना बहुत जरूरी है। उन्होंने भारत-पाक युद्धों के दौरान भारतीय नौसेना की अहम भूमिका के बारे में जानकारी दी । उन्होंने बताया कि आज के समय में हमारा 80त्न व्यापार समुंद्र के रास्ते से ही होता है। उन्होंने बताया कि एक देश को शक्तिशाली होने के लिए थल सेना, वायु सेना के साथ-साथ हमारी नौसेना का शक्तिशाली होना भी बहुत जरूरी है। मुख्य वक्ता ने चीन की हिंद महासागर में बढ़ती हुई गतिविधियों, नौसेना की शांति एवं युद्ध के समय में भूमिका एवं भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भविष्य में उत्पन्न चुनौतियों के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इस अवसर पर प्रो. सेवा सिंह दहिया, प्रो. एस पी वत्स, के डी श्योराण, डॉ. प्रताप सिंह, डॉ. प्रोमिला, कर्नल भास्कर गुप्ता, शोधार्थी और विद्यार्थी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / अनिल

   

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