प्री सर्वे को लेकर वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना में पहुंची डब्ल्यू डब्ल्यू एफ की 10 सदस्यीय टीम

पश्चिम चंपारण (बगहा), 05 दिसम्बर (हि.स.)। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना में जैव विविधता और अनुकूल वातावरण के कारण विभिन्न प्रकार के पशु,पक्षी,जीव जन्तु आदि का अधिवास क्षेत्र है।

इस वन क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के जीव जंतु पाए जाते हैं। जिनमें से विभिन्न प्रकार के पक्षियों का गणना के उद्देश्य से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में गुरूवार से 10 सदस्य टीम जो वीटीआर के बीचो बीच से गुजरे गंडक नदी के क्षेत्र में वाल्मीकि नगर से बगहा तक विभिन्न प्रकार के पक्षियों की गणना करेगी। इस बाबत मौके पर मौजूद बेतिया डीएफओ आतिश कुमार व डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के लैंडस्केप समन्वयक डॉ. प्रकाश मर्दराज के नेतृत्व में एशियाई जल पक्षी की गणना गंडक बराज के लव कुश घाट से लेकर साधु घाट तक की गई।जो 21 किलोमीटर तक की गई।

यह सर्वे एकदिवसीय और 10 सदस्यीय टीम है। इसमें गंडक नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में पाए जाने वाले लगभग 27 प्रजातियाँ दर्ज की गई है।जिसमे रूडी शेल्डक,बार हेडेड गूज,ब्लैक स्टॉर्क,मैलार्ड,रेड क्रेस्टेड पोचार्ड,कॉमन पोचार्ड आदि शामिल है।इन विभिन्न प्रकार के पक्षियों के साथ प्रवासी पक्षियों पर भी नजर रखी जाएगी। अमूमन जनवरी महीने में पक्षियों की गणना की जाती है।

यह प्री सर्वे किया जा रहा है।इस अवसर पर डिवीजन 3 बगहा के रेंजर सुनिल कुमार,डब्ल्यू टी आई के प्रोजेक्ट हेड सुब्रत कुमार बेहरा,डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ के पीए अहबर आलम,डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के साई कृष्णा, ऋषभ,गाइड शुभम कुमार, होशील कुमार आदि के अलावा कई कर्मी उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द नाथ तिवारी

   

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