
इलेक्ट्रिक बसों को प्राइवेट हाथों में सौंपने का विरोध
सिरसा, 18 मार्च (हि.स.)। हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन की मंगलवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के आह्वान पर 24 मार्च को प्रदेश भर से हजारों रोडवेज कर्मचारी दिल्ली कूच करेंगे और जंतर मंतर पर एक दिन का सांकेतिक धरना देंगे। इसके अलावा 3 अप्रैल को सिरसा डिपो में 24 घंटे की भूख हड़ताल की जाएगी। बैठक को संबोधित करते हुए राज्य वरिष्ठ उप प्रधान शिवकुमार श्योराण व डिपो प्रधान पृथ्वी चाहर ने कहा कि रोडवेज कर्मचारियों की विभिन्न मांगें पिछले लंबे समय से लंबित हैं। सरकार कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान न कर विभाग को ही निजीकरण की तरफ धकेल रही है। हाल ही में सरकार ने नई इलेक्ट्रिक बसें प्राइवेट हाथों में देने का निर्णय किया है।
यूनियन की मांग है कि सरकार इलेक्ट्रिक बसों को निजी हाथों में देने के निर्णय को रद्द करे तथा परिवहन विभाग में सरकारी बसें शामिल करे। उन्होंने कहा एक इलेक्ट्रिक बस के बदले साधारण 6 बसें आती है, जो पूरे हरियाणा प्रदेश में सभी डिपो में 50-50 बसें लेने का निर्णय है अगर उसकी जगह पर साधारण 300-300 बसें डिपो के बेड़े में शामिल हो तो हरियाणा प्रदेश में लगभग 7200 से अधिक बसें उपलब्ध होंगी। एक बस पर 6 बेरोजगारों को रोजगार मिलता है। इस प्रकार सरकारी बसों पर 43 हजार 200 बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा और जनता को बेहतर परिवहन सेवा मिलेगी।
अगर इलेक्ट्रिक बसें ही सरकार चलाना चाहती है तो सरकार खुद अपनी बसें खरीदें और रोडवेज के बेड़े में शामिल करें। विभाग में किलोमीटर स्कीम, स्टेज कैरीज स्कीम 2016 रद्द की जाए तथा 362 रूटों पर 3658 प्राइवेट परमिट देने का निर्णय रद्द करने सहित निजीकरण ठेका प्रथा पर पूर्ण रोक लगाई जाए। प्रदेश में बढ़ती आबादी अनुसार विभाग में 10 हजार सरकारी बसें शामिल की जाए। पीपीपी व निजी इलेक्ट्रिक बसों की बजाय विभाग में सरकारी इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाए। सरकार द्वारा 2006 के बाद भर्ती सभी कर्मचारियों पर एनपीएस की बजाय पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए। बैठक में मुख्य सलाहकार धर्मवीर सिंह सहारण, रविंद्र कुमार, मीडिया प्रभारी सुनील कुमार शर्मा, हीरालाल, संदीप कुमार आदि मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Kumar