संघ की अ.भा. बैठक में परोसा जा रहा है पूरी तरह से जैविक भोजन

परखम/नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (हि.स.) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में इस बार पूरी तरह से जैविक भोजन परोसा जा रहा है। मथुरा जिले में फरह के निकट परखम में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय बैठक के आयोजनकर्ताओं ने इसके लिए विशेष रूप से प्रबंध किए हैं। पूरी तरह से जैविक भोजन की सारी सामग्री छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से मंगाई गई है।

वैसे तो संघ की अ.भा. कार्यकारी मंडल की बैठक 25 से प्रारंभ होकर 26 अक्टूबर तक चलेगी लेकिन बैठक से कुछ दिन पूर्व ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पदाधिकारी पहुंचे हुए हैं। इस बैठक में देशभर के 400 के लगभग प्रतिनिधि सम्मिलित हो रहे हैं। संघ की रचना के अनुसार 46 प्रांतों के प्रांत और सह प्रांत संघचालक, प्रांत और सह प्रांत कार्यवाह तथा प्रांत और सह प्रांत प्रचारकों के साथ पूरी अखिल भारतीय कार्यकारिणी इस बैठक में अपेक्षित होती है। हर वर्ष दीपावली से कुछ दिन पूर्व संघ की यह महत्वपूर्ण बैठक होती है।

इस बार यह दीनदयाल धाम (फरह, मथुरा) के निकट नवनिर्मित केशव धाम (परखम) में हो रही है। इस बार के आयोजन की विशेषता यह है कि सभी प्रतिनिधियों को इस बार पूर्णतया जैविक भोजन परोसा जा रहा है। इसके लिए छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से भोज्य सामग्री मंगाई गई है। फार्मर्स प्राइड नामक संस्था ने इसकी आपूर्ति की है। फार्मर्स प्राइड ने गुणवत्तापूर्ण और पूर्णतया जैविक चावल, आटा, दालें, तेल, घी, खांड, गुड, श्रीअन्न (मिलेट्स), मसाले आदि ट्रक भरकर आयोजन से कई दिन पूर्व परखम पहुंचा दिया था। इसके लिए बहुत पहले से बातचीत चल रही थी।

फार्मर्स प्राइड के कर्ताधर्ता संदीप शर्मा ने अपने संस्थान के लिए यह गर्व का अवसर बताया और कहा कि राष्ट्र निर्माण में लगे तपस्वी लोगों के लिए हम विशुद्ध भोजन पहुंचा पाएं और किसानों को उनकी मेहनत का उचित दाम दिला पाएं, यह हमारी सफलता का पैमाना है। फार्मर्स प्राइड का दावा है कि वह देश का पहला पारदर्शी प्रयोग कर रहा है, जिसमें किसान और उसके उत्पाद की पहचान के साथ उपभोक्ता तक सामग्री पहुंचती है और एक पारदर्शी पोर्टल पर किए गए भुगतान से किसान को उसके उत्पाद का उचित दाम भी मिलता है। फार्मर्स प्राइड के साथ देश के 12 राज्यों के 600 किसान जुड़े हुए हैं।

संदीप शर्मा ने बताया कि हम लगभग 150 प्रोडक्ट तैयार करते हैं। गुणवत्ता की पूरी जिम्मेदारी हमारी होती है। उसको नियंत्रित करने की एक विधि है। हमने सभी तरह के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस भी लिए हैं और जांच एजेंसियों के द्वारा गुणवत्ता परखते हैं। अब तक दीपावली के अवसर पर हमारे उत्पाद उपहार के रूप में ही अधिक प्रचिलित हुए हैं। अनेक केंद्रीय संस्थान इसका प्रयोग करते हैं।

संदीप शर्मा ने बताया कि (स्व.) रतन टाटा ने एक बार मुझे बुलाकर इस प्रयोग के लिए आशीर्वाद दिया था और अपने टाटा ग्रुप के ताज होटल के खाने को जैविक खाने में बदलने पर चर्चा भी की थी। पर मेरे जीवन में खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब केशव धाम (परखम) से ललित जी और रमाकांत उपाध्याय जी ने फोन कर संघ के प्रचारकों और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के लिए जैविक भोज्य सामग्री भेजने को कहा। इतना ही नहीं, परखम के भोजनालय के बाहर हमारी संस्था का फलक (पोस्टर) भी लगाया। इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को उसका लाभ भी होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / जितेन्द्र तिवारी

   

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