एफएसएसएआई ने राज्यों से पर्यटन स्थलों पर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का किया आग्रह
- Admin Admin
- Nov 08, 2024
नई दिल्ली, 8 नवंबर (हि.स.)। आने वाले चार-पांच महीने टूरिज्म के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रहने वाले हैं। इसको देखते हुए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। इसके साथ राज्यो एवं केंद्र शासित प्रदेशों से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के गोदामों पर निगरानी बढ़ाने और डिलीवरी कर्मियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने का निर्देश दिया है।
शुक्रवार को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने अपनी केंद्रीय सलाहकार समिति (सीएसी) की 45वीं बैठक आयोजित की। इस बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नवंबर से मार्च तक पर्यटन के मौसम के मद्देनजर उच्च खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया गया।
एफएसएसएआई ने आगामी पर्यटन सीजन के दौरान लोकप्रिय पर्यटक स्थलों पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए, राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को इन स्थलों पर सचल खाद्य प्रयोगशाला (फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स मोबाइल लैब) का उपयोग करने की सलाह दी।
एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जी. कमला वर्धन राव ने विभिन्न राज्यों के खाद्य आयुक्तों से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा उपयोग किए जाने वाले गोदामों और अन्य सुविधाओं पर निगरानी बढ़ाने को कहा। उन्होंने ऐसे गोदामों के साथ-साथ इन प्लेटफॉर्म के डिलीवरी कर्मियों के लिए एसओपी जारी करने को भी कहा। समिति ने सभी नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन के तहत सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) को प्रशिक्षित करने पर भी जोर दिया। मार्च 2026 तक 25 लाख खाद्य संचालकों को प्रशिक्षित करने का आग्रह किया गया, जिनमें विश्वविद्यालय, कॉलेज और छात्रावास कैंटीन के संचालक भी शामिल हैं।
इस बैठक में 60 से अधिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिनमें खाद्य सुरक्षा आयुक्त (सीएफएस), राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि, एफएसएसएआई के वरिष्ठ अधिकारी, खाद्य उद्योग, उपभोक्ता समूहों, कृषि क्षेत्र, प्रयोगशालाओं और अनुसंधान निकायों के सदस्य भी शामिल थे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी