ऊना के हर विधानसभा क्षेत्र में लगे ईट राइट मेला : मुकेश अग्निहोत्री

ऊना, 01 दिसंबर (हि.स.)। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रविवार को ऊना में आयोजित ‘ईट राइट मेला’ में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण उत्पादों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने पारंपरिक पौष्टिक व्यंजनों के महत्व को उजागर करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ये पहल न केवल बेहतर स्वास्थ्य के लिए हितकारी होगी बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करने में सहायक बनेगी।

उन्होंने इस मेले को स्वास्थ्य और जागरूकता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और जिला प्रशासन को ऊना जिले के हर विधानसभा क्षेत्र में इस तरह के आयोजन करने को कहा।

यह मेला जिला प्रशासन ऊना और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के सहयोग से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक छात्र पाठशाला, ऊना में आयोजित किया गया था। मेले का मुख्य उद्देश्य लोगों को सही आहार और बेहतर जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने प्रत्येक स्टॉल पर जाकर प्रदर्शित उत्पादों के बारे में जानकारी ली और पौष्टिक व्यंजनों का स्वाद भी चखा। उन्होंने इस अनूठी पहल के लिए जिला प्रशासन की सराहना की।

पुल के दोनों ओर बने विशेष फूड मार्केट

उपमुख्यमंत्री ने प्रदेश के सबसे लंबे ऊना-हरोली पुल को एक व्यावसायिक केंद्र के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि यह पुल ‘इंजीनियरिंग मार्वल’ की तरह डिजाइन किया गया है। पैदल यात्रियों के लिए दोनों ओर सुंदर पथ बनाए गए हैं, जिससे यह सैर-सपाटे के लिए एक आकर्षक स्थल बनके उभरा है। उन्होंने सुझाव दिया कि पुल के दोनों ओर विशेष फूड मार्केट विकसित की जाए, जहां स्वयं सहायता समूह अपने उत्पाद बेच सकें और आने-जाने वाले लोगों को खाने-पीने की सुविधा मिले। साथ ही, प्रशासन को नवाचार अपनाते हुए जिले में ऐसी विशेष बाजार विकसित करने की योजना बनाने का सुझाव दिया, जहां लोग अपने परिवार के साथ शाम बिताने और स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेने जा सकें।

उपमुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में जिले में हो रहे विकास कार्यों की प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऊना जिला विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। जिले में 2000 करोड़ रुपये की लागत से सिंचाई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनके माध्यम से हर खेत तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि 1500 करोड़ रुपये की लागत से स्वा नदी के चौनलाइजेशन कार्य ने बड़ी मात्रा में कृषि योग्य भूमि को पुनः उपयोगी बनाया है, जिससे जिले की कृषि उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

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