काली पूजा की रात मूर्ति तोड़ने की घटना की खबर करने पर पत्रकार गिरफ्तार, पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सवाल

कोलकाता, 05 नवंबर (हि.स.)। प्रेस की स्वतंत्रता का ढोल पीटने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज में पुलिस ने पत्रकारिता को बेड़ियों में जकड़न की कोई भी कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है। काली पूजा की रात लेक टाउन में मूर्ति तोड़ने की घटना की खबर करने पर दो पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है, जिससे पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। मंगलवार शाम को लेक टाउन इलाके में स्थित एक स्वतंत्र खबर एजेंसी माध्यम के ऑफिस से दो पत्रकारों, आकाश विश्वास और अनन्य गुप्ता को पुलिस ने हिरासत में लिया।

लेक टाउन थाने की पुलिस ने दोनों पत्रकारों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 196(2), 299 और 302 के तहत मामला दर्ज किया है। इन धाराओं के तहत गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिससे पत्रकारों के लिए आने वाले समय में सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए खबर करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की कार्रवाई से समाज में जिम्मेदारी से पत्रकारिता करना और जनता तक सत्य पहुंचाना कठिन होता जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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