सिविल अस्पताल की बदहाली पर मानवाधिकार आयोग सख्त:जांच के आदेश; अस्पताल प्रबंधन ने कहा किये जा रहे सुधार

हरियाणा के पंचकूला में पंचकूला सिटीजंस वेलफेयर एसोसिएशन की शिकायत पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने सेक्टर-6 स्थित सिविल अस्पताल की खस्ताहाल स्थिति पर गहरी चिंता जताई है। आयोग ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे किसी वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति कर मामले की विस्तृत जांच करवाएं और अगली सुनवाई से पहले रिपोर्ट पेश करें। उधर अस्पताल प्रबंधन ने बताया है कि मांगी गई रिपोर्ट बना कर उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। सिविल अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर आर एस चौहान ने कहा कि जहां जहां भी अस्पताल में कमियां थी उनको दूर किया जा रहा है। डॉक्टर चौहान ने कहा कि बहुत सारे काम मुकम्मल कर लिए गए हैं जबकि बाकी को भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। पंचकूला सिटीजंस वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एसके नैयर ने बताया कि उन्होंने आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया था कि सिविल अस्पताल की हालत कई वर्षों से बेहद खराब है। उन्होंने देखा कि डॉक्टरों के कमरों और मरीजों के वार्डों की छतें टपक रही हैं। इसके अलावा भवन की मरम्मत और सफाई का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है। नायर ने बताया कि अस्पताल में कूड़े के निस्तारण की उचित व्यवस्था नहीं है। शौचालयों की हालत बेहद दयनीय है और उन्हें ताले लगाकर बंद कर दिया गया है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शिकायत में यह भी लिखा गया था कि बिजली आपूर्ति बाधित होने पर आपातकालीन वार्ड, आईसीयू और प्रसूति वार्ड अंधेरे में डूब जाते हैं। इसके अलावा, रैबीज जैसी आवश्यक वैक्सीन भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। एस के नैयर ने पंचकूला सिटीजंस वेलफेयर एसोसिएशन की और से दी गई शिकायत में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए थे और कहा था कि अस्पताल में पांच अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं और सीसीटीवी कैमरे भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। एस के नैयर ने कहा कि अब इस पर मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। पंचकूला सिटीजंस वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों एसके नैयर ,सुनील जैन ,पी मलिक ने कहा है कि आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर अब उम्मीद है कि कुछ सुधारात्मक कदम जरूर उठाए जाएंगे।

   

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