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पलामू, 27 अप्रैल (हि.स.)। जिले के छतरपुर प्रखंड के रामगढ़ की रहने वाली छात्र किरण कुमारी (16) की मौत के बाद एमआरएमसीएच मेदिनीनगर में परिजनों के द्वारा जमकर हंगामा किया गया, जिससे करीब दो घंटे तक अफरा आफरी की स्थिति बनी रही। डाक्टरों के साथ दुर्व्यहार किया गया। आधे घंटे तक ओपीडी ठप रही। मरीज को दिखाने के लिए कटने वाली पर्ची की सेवा रोक दी गई। पुलिस के आने के बाद स्थिति को कंट्रोल में किया गया। परिजनों को पोस्टमार्टम कराने की सलाह दी गई है, ताकि मौत का कारण स्पष्ट हो सके। हंगामा के दौरान धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर भी लाठी लेकर नजर आए।
बताया जाता है कि रामगढ़ की किरण कुमारी पढ़ाई करने के लिए कोचिंग गई थी। वहां वह बेहोश मिली। सूचना मिलने पर परिजन उसे लेकर पहले अनुमंडलीय अस्पताल छतरपुर गए। वहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए एमआरएमसीएच मेदिनीनगर रेफर कर दिया गया। यहां करीब 2 घंटे तक इलाज चलने के बाद दोपहर करीब 12 बजे छात्रा की मौत हो गई।
परिजनों का क्या है आरोप
परिजनों का आरोप है कि एमआरएमसीएच में सुबह 9 बजे भर्ती करने के बाद छात्र का इलाज डॉक्टर द्वारा नहीं किया गया। कंपाउंडर और नर्स ने इलाज किया, जिससे उसकी मौत हुई। साथी यहाँ वहां दौड़ाया जाता रहा। रेफर भी नहीं किया गया। अगर सही से इलाज होता तो उसकी जान बच सकती थी। अस्पताल लाने पर उसकी स्थिति ठीक थी।
क्या कहना है डाक्टर का
एमआरएमसीएच के डॉ आर रंजन ने जानकारी दी की मरीज को लाने के बाद उसके बीमार पड़ने के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। हालांकि इलाज के दौरान स्पष्ट हुआ कि उसने सल्फास की गोली खा ली थी। ऐसी स्थिति में उसे बचाया नहीं जा सका। बावजूद डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार किया गया, यह बर्दाश्त योग्य नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप