दुनिया के विभिन्न देश हमारे संस्कारों और संस्कृति को अपनाने के लिए उत्साहित : डाॅ. विश्वेश

हरिद्वार, 28 अप्रैल (हि.स.)। आज दुनिया के विभिन्न देश भारतीय वैदिक संस्कृति और संस्कारों के प्रति प्रभावित हो रहे हैं। वे इस संस्कृति और संस्कारों को आत्मसात करने के लिए उत्साहित होकर हमारे तरफ देख रहे हैं। यह उद्गार सेवानिवृत्त जिला जज वाराणसी डाॅ. अजय कृष्ण विश्वेश ने आर्य वानप्रस्थ आश्रम के सभागार में माता लीलावती आर्य भिक्षु परोपकारिणी न्यास द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि हमारी वैदिक संस्कृति और शिक्षा वैज्ञानिक प्रमाणिक तथ्यों से परिपूर्ण है। आज इस बात की आवश्यकता है कि हम सभी और हमारी युवा पीढ़ी अपनी गौरवशाली वैदिक ज्ञान और संस्कारों को आत्मसात करें। अपने इस सम्मान को उन्होंने भारतीय वैदिक संस्कृति और आर्यों को समर्पित किया।

इससे पूर्व यज्ञशाला में यज्ञ के ब्रह्मा डाॅ. महावीर अग्रवाल के सानिध्य में यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए डाॅ. जयेंद्र कुमार, विद्वता के क्षेत्र में स्वामी यतिदेव सेवाराम आर्य और रश्मि आर्य को माता लीलावती स्मृति पुरस्कार दिया गया।

इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरधारी लाल चंदवानी, मंत्री डाॅ. महावीर अग्रवाल, श्रीमती पूनम धर्मपत्नी डाॅ. अजय कृष्ण विश्वेश, डाॅ. महेंद्र आहुजा, प्रो. भारत भूषण विद्यालंकार, सत्य प्रकाश त्यागी, कपिल त्यागी, डाॅ. सुनैना अग्रवाल, प्रेमलता, डाॅ. योगेश शास्री, राजकुमार एडवोकेट, विजय पाल बघेल सहित विभिन्न लोग उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/सत्यवान/रामानुज

   

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