उप्र शासन विकसित भारत के लिए कटिबद्ध : दुर्गा शंकर मिश्र

-मुख्य सचिव ने लखनऊ में आयोजित पांच दिवसीय 'कर्मचारी से कर्मयोगी' के प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया

लखनऊ, 06 मई (हि.स.)। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अलीगंज स्थित उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी में आईसी सेन्टर फाॅर गवर्नेंस, नई दिल्ली द्वारा आयोजित 5 दिवसीय 'कर्मचारी से कर्मयोगी' के प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।

अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन विकसित भारत के लिए कटिबद्ध है। यह विकास तभी सम्भव है जब प्रत्येक अधिकारी के अंदर कर्तव्यबोध हो तथा कर्म के प्रति समर्पण हो। भारत प्रगति के पथ पर अग्रसर है, इसमें सिविल सेवकों की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने अधिकारियों को कार्य और जीवन के बीच संतुलन बनाने के लिए सुझाव दिया।

मुख्य सचिव ने कहा कि हर एक सरकारी कर्मचारी कर्मयोगी है। सिविल सेवा के अधिकारियों को निष्पक्ष, गैर-पक्षपाती और उचित निर्णय सुनिश्चित करने की क्षमता होनी चाहिए। एक सिविल सेवक के लिए कर्तव्य सर्वोपरि है। सार्वजनिक हित की सेवा के लिए निष्पक्ष दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।

दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि समानता के सिद्धांतों को कायम रखते हुए पक्षपात या भेदभाव के बिना कार्य करना होगा। आम नागरिकों को उनकी पृष्ठभूमि या संबद्धता की परवाह किए बिना समान अवसर देकर और उचित व्यवहार करके उनमें शासन के प्रति विश्वास जगाना होगा। सिविल सेवा के अधिकारियों की एक अहम जिम्मेदारी होती है कि सरकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक पात्र लोगों को मिले, उनके जीवन में किस प्रकार से बदलाव लाया जाये, इस दिशा में गंभीरतापूर्वक कार्य करना होगा।

उन्होंने कहा कि समय अब बदल रहा है, पब्लिक सर्वेंट के लिए आने वाले समय में बड़ी चुनौतियां आएंगी। आज के दौर में जन आकांक्षाएं तेजी से बढ़ रही है। सिविल सेवकों को अपने कार्यों, निर्णयों और सार्वजनिक संसाधनों के उपयोग की जवाबदेही खुद तय करनी होगी। उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों को समाज के हाशिये पर पड़े, वंचित और कमजोर वर्गों के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी आवाज सुनी जाए और उनके अधिकारों की रक्षा की जाए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि सिविल सेवा में कार्य करने वाले ही कर्मयोगी है।अपने कार्य को निराश होकर नहीं खुश होकर करना चाहिए। लोग विभिन्न उद्देश्यों से कार्य करते हैं। कुछ लोग प्रसिद्धि पाना चाहते हैं और वे प्रसिद्धि, धन, शक्ति आदि के लिए काम करते हैं। कर्मयोगी महाभियान को सफल बनाने में सभी का सहयोग होना चाहिए।

इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट सचिव प्रभात कुमार, उत्तर प्रदेश शासन तथा अकादमी के महानिदेशक एल. वेंकटेश्वर लू एवं निदेशक नीना शर्मा व उपाम के अन्य अधिकारीगण भी उद्घाटन सत्र में उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/मोहित/आकाश

   

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