लोस चुनाव : भक्त प्रह्लाद की धरती हरदोई से किसे मिलेगा जीत का आशीर्वाद

लखनऊ,07 मई (हि.स.)। भगवान नरसिंह और वामनावतार वाली हरदोई की धरा ऐतिहासिक-सांस्कृतिक धरोहरों से भी भरी हुई है। पौराणिक कथाओं के अनुसार,पूर्व में राक्षसराज हिरण्यकश्यप यहां का राजा था और तब हरदोई का नाम हरिद्रोही था। हरदोई का कस्बा संडीला लड्डुओं के लिए मशहूर है। अब संडीला वेबले-स्कॉट रिवाल्वर के लिए मशहूर हो रहा है। हरदोई संसदीय सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। उप्र की संसदीय सीट संख्या हरदोई 31 में चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा।

हरदोई लोकसभा सीट का इतिहास

हरदोई दक्षिणी उत्तरी के साथ फर्रुखाबाद पूर्वी और शाहजहांपुर को मिलाकर एक लोकसभा थी। 1952 और 1957 के चुनाव में जिले में दो सांसद चुने जाते थे। 1952 के पहले आम चुनाव में यहां से कांग्रेस बशीर हुसैन और बुलाकी राम सांसद चुने गए। इस सीट के संसदीय इतिहास में दो उपुचनाव मिलाकर 19 बार चुनाव हो चुका है। कांग्रेस यहां से 7 बार चुनाव जीती। दो बार जनसंघ प्रत्याशी ने जीत दर्ज की, जबकि भाजपा 4, तीन बार सपा के खाते में यह सीट गई। बसपा यहां से एक बार भी अपना परचम नहीं लहरा पाई है। 2014 में भाजपा ने अंशुल वर्मा और 2019 में भाजपा के जयप्रकाश रावत ने यहां विजय पताका फहराई। कांग्रेस को पिछले 40 साल से जीत का इंतजार है।

पिछले दो चुनावों का हाल

2019 के लोकसभा चुनाव में हरदोई सीट पर भाजपा के उम्मीदवार जय प्रकाश रावत और सपा की उषा वर्मा के बीच चुनावी मुकाबला हुआ। जय प्रकाश रावत के खाते में 568,143 (53.71 प्रतिशत) वोट आए तो ऊषा वर्मा को 435,669 (41.18 प्रतिशत) वोट मिले। जय प्रकाश ने 1 लाख 32 हजार 474 मतों के अंतर से चुनाव जीता। कांग्रेस उम्मीदवार वीरेन्द्र कुमार 19972 (1.89 प्रतिशत) वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।

2014 के चुनाव में मोदी लहर में हरदोई सीट भी भाजपा के खाते में आ गई। भाजपा उम्मीदवार अंशुल वर्मा ने 81,343 मतों के अंतर से बसपा के शिव प्रसाद वर्मा को शिकस्त दी। भाजपा के खाते में 360501 (37.05 प्रतिशत) वोट आए। वहीं बसपा प्रत्याशी 279,158 (28.69 प्रतिशत) मत पाकर दूसरे नंबर पर रहा। सपा प्रत्याशी ऊषा वर्मा 28.42 और कांग्रेस उम्मीदवार 2.39 फीसदी वोट हासिल कर तीसरे और चौथे स्थान पर है।

किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार

भाजपा ने मौजूदा सांसद जय प्रकाश को फिर मैदान में उतारा है। सपा ने पूर्व सांसद और मंत्री ऊषा वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। बसपा के पास कोई स्थानीय मजबूत चेहरा नहीं था तो उन्होंने इटावा निवासी एमएलसी भीमराव अंबेडकर को मैदान में उतारा है।

हरदोई सीट का जातीय समीकरण

हरदोई लोकसभा सीट पर 19 लाख 13 हज़ार 730 वोटर हैं। बात जातीय समीकरण की करें तो यहां पर कुर्मी, ब्राह्मण, राजपूत और वैश्य वोटरों का दबदबा है। इस लोकसभा सीट पर 3 लाख के करीब कुर्मी वोट है तो वहीं ढाई लाख के करीब ब्राह्मण और ठाकुर वोट है। इसके अलावा एक लाख वोट वैश्य समुदाय का है।

विधानसभा सीटों का हाल

वर्तमान में हरदोई लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र सवायजपुर, शाहाबाद, हरदोई सदर, गोपामऊ(सु0) और सांडी(सु0) हैं। सभी सीटों पर भाजपा का कब्जा है।

जीत का गणित और चुनौतियां

हरदोई को पिछले 20 वर्षों से नरेश अग्रवाल का राजनीतिक किला कहा जाता है। भाजपा प्रत्याशी जयप्रकाश को नरेश अग्रवाल की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है। भाजपा प्रत्याशी जयप्रकाश यहां से तीन बार सांसद रहे हैं और सपा प्रत्याशी ऊषा वर्मा भी यहां तीन बार सांसद रह चुकी हैं। दोनों प्रत्याशियों की अपनी जाति और दल में पकड़ है। इंडी गठबंधन के प्रत्याशी की राह में मनमुटाव और अंतर्कलह चुनौती है। हां, बसपा प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर जरूर नए और बाहरी हैं। ये बसपा का कमजोर पक्ष है। भाजपा के लिए पिछले लोकसभा चुनाव की तरह मोदी फैक्टर के जादू बरकरार रख पाने, लोगों के बीच विकास और विश्वास के साथ वादों को पूरा कराने की परीक्षा है।

राजनीतिक विशलेषक सुशील शुक्ल के मुताबिक, यहां भाजपा प्रत्याशी को मोदी-योगी और विकास कार्यों के नाम पर वोट मिलेंगे। पिछले चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद सपा प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रही। इस बार बसपा ने अकेले मैदान में उतरकर मुकाबला दिलचस्प बनाया है। हालांकि कमल का फूल हाथी और साइकिल पर भारी दिखाई देता है।

हरदोई से कौन कब बना सांसद

1952 बशीर हुसैन जैदी/बुलाकी राम (कांग्रेस)

1957 शियोदीन/छेदा लाल (भारतीय जनसंघ/कांग्रेस)

1957 छेदा लाल (कांग्रेस) उपचुनाव

1962 किंदर लाल (कांग्रेस)

1967 किंदर लाल (कांग्रेस)

1971 किंदर लाल (कांग्रेस)

1977 परमाई लाल (भारतीय लोकदल)

1980 मनी लाल (कांग्रेस आई)

1984 किंदर लाल (कांग्रेस)

1989 परमाई लाल (जनता दल)

1990 चौ0 चांद राम (जनता दल) उपचुनाव

1991 जय प्रकाश (भाजपा)

1996 जय प्रकाश (भाजपा)

1998 ऊषा वर्मा (सपा)

1999 जय प्रकाश (अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस)

2004 ऊषा वर्मा (सपा)

2009 ऊषा वर्मा (सपा)

2014 अंशुल वर्मा (भाजपा)

2019 जय प्रकाश (भाजपा)

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.आशीष वशिष्ठ/राजेश

   

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