रायपुर : आदि गुरु शंकराचार्य का सनातन का मान सम्मान बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान : उपमुख्यमंत्री साव

रायपुर, 12 मई (हि.स.)। दुनिया में सनातन के मान सम्मान का सबसे बड़ा योगदान आदि गुरु शंकराचार्य का है। आठ वर्ष की उम्र में ही उन्हें सभी वेदों का ज्ञान हो गया था और उसके बाद उन्होंने पूरे देश का भ्रमण कर चार पीठों की स्थापना की। ये वो दौर रहा जिसमें वास्तव में सनातन का पुनरुद्धार हुआ था। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने यह बातें रविवार को रायपुर के शहीद स्मारक में छत्तीसगढ़ सनातन दशनाम गोस्वामी समाज द्वारा आयोजित आदि गुरु शंकराचार्य जयंती कार्यक्रम में कही।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मुगलों और अंग्रेजों की गुलामी के समय सनातन के तेज में जो कमी आई थी, वो 22 जनवरी 2024 को दूर हुई।अयोध्या में 22 जनवरी को श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसके बाद दुनिया में एक बार फिर सनातन का डंका बजा। उन्होंने कहा कि हम सबको सनातन पर विचार करने की आवश्यकता है। आज जब हम आदि गुरु शंकराचार्य का अवतरण दिवस मना रहे हैं, उन्होंने जिन उद्देश्यों को लेकर अपने जीवन को समर्पित किया, पूरे देश का भ्रमण किया, आज उनके किए हुए काम को और आगे बढ़ाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि गोस्वामी समाज मेहनत और ताकत के दम पर हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया, इसके किए समाज के लोगों को बधाई देता हूं। वहीं समाज का गौरव बढ़ाने वाले प्रतिभाओं का सम्मान किया गया।

रायपुर के शहीद स्मारक में छत्तीसगढ़ सनातन दशनाम गोस्वामी समाज द्वारा आयोजित आदि गुरु शंकराचार्य जयंती कार्यक्रम में ग्रामीण विधायक मोतीराम साहू, महंत रामसुंदर दास जी, डॉ महेश गिरी, समाज के पदाधिकारी व समाज के अन्य लोग मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल/केशव

   

सम्बंधित खबर