गंगा सप्तमी का पर्व श्रद्धा के साथ मनाया, लोगों ने लगाई गंगा में डुबकी

हरिद्वार, 14 मई (हि.स.)। गंगा सप्तमी पर देश के कई प्रांतों से आए लाखों श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी ब्रह्म कुण्ड समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर गंगा में डूबकी लगाई। लोगों ने मां गंगा की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। मां गंगा के अवतरण दिवस गंगा सप्तमी पर कई स्थानों पर धार्मिक आयोजन हुए।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मां गंगा स्वर्ग लोक से शिवशंकर की जटाओं में पहुंची थी। इसलिए इस दिन को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। जिस दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई वह दिन गंगा जयंती (वैशाख शुक्ल सप्तमी) और जिस दिन गंगाजी पृथ्वी पर अवतरित हुई वह दिन ‘गंगा दशहरा’ (ज्येष्ठ शुक्ल दशमी) के नाम से जाना जाता है। इसी कारण से आज गंगा सप्तमी का पर्व श्रद्धा के साथ मनाया गया। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वैसे तो गंगा स्नान का अपना अलग ही महत्व है, लेकिन इस दिन स्नान करने से मनुष्य सभी दुखों से मुक्ति पा जाता है।

मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से दस पापों का हरण होकर अंत में मुक्ति मिलती है। इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक गंगा सप्तमी के दिन गंगा पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है। सभी पापों का क्षय होता है।

श्री गंगा सभा द्वारा भी गंगा सप्तमी पर विशेष आयोजन हुए। प्रातः मां गंगा का विशेष पूजन व आरती की गई। इसके पश्चात मां गंगा की शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें तीर्थ पुरोहित समाज के साथ गंगा भक्ताें ने हिस्सा लिया।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/रामानुज

   

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