साहित्य अकादमी नई दिल्ली ने बसंतगढ़ में किया अनूठा कार्यक्रम ‘ग्रामालोक’

जम्मू। स्टेट समाचार 
 साहित्य अकादमी नई दिल्ली ने बसंतगढ़ में अपना बहुत ही अनूठा कार्यक्रम ‘ग्रामालोक’ का आयोजन किया जिसमें डोगरी के स्थानीय कवियों ने भाग लिया और दर्शकों को अपनी रचनाओं से मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह की अध्यक्षता डोगरी सलाहकार मंडल साहित्य अकादमी नई दिल्ली पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित मोहन सिंह ने की। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने डोगरी संस्कृति और डोगरी भाषा के प्रति अपने जुनून के लिए स्थानीय कवियों और स्थानीय लोगों की प्रशंसा की। उन्होंने भारतीय भाषाओं के लिए काम करने वाली साहित्य अकादमी की अन्य योजनाओं की भी घोषणा की और डोगरी इन भाषाओं में से एक है लोगों को इससे अवगत भी करवाया। ‘ग्रामालोक’ एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें उन वास्तविक कवियों को मंच प्रदान किया जाता है जो दूरस्थ और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहते हैं। यह सभी जानते हैं कि बसंतगढ़ एक सुंदर क्षेत्र है, लेकिन फिर भी अविकसित है और जम्मू से लगभग 165 किलोमीटर की दूरी पर है। खराब मौसम या बरसात के दिनों में रामनगर से बसंत गढ़ तक पहुंचना कठिन हो जाता है। इन परिस्थितियों में लोग वहां जाने से कतराते हैं लेकिन संयोजक डोगरी सलाहकार बोर्ड साहित्य अकादमी नई दिल्ली पद्मश्री मोहन सिंह ने वहां जाने का फैसला किया और एक अद्भुत कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले स्थानीय कवि जय चंद परदेसी, स्वर्ण सिंह कोहस्तानी, वज़ीर मोहम्मद वानी, रितु सिंह और अरविन्द ब्रह्मणु शामिल रहे। जम्मू से डोगरी के संयोजक पद्मश्री मोहन सिंह के साथ डोगरी के मशहूर लेखक शिवदेव सुशील, पूरन चंद्र शर्मा और रणधीर सिंह रायपुरिया जैसी अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों ने भी अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रभारी प्राचार्य राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बसंतगढ़ ने कार्यक्रम की सराहना की व धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

   

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